नौनिहालों को किताबें मिलीं न यूनीफार्म, कैसे हो पढ़ाई
जागरण संवाददाता वनगावां (चंदौली) परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो गई है लेकिन पढ़ाई
जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली) : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो गई है लेकिन पढ़ाई का इंतजाम अभी भी अधूरा है। उन्हें यूनीफार्म, बैग, जूता-मोजा नहीं मिला है, किताबें भी ब्लाक मुख्यालय से स्कूलों में भिजवाई जा रही हैं। फिलहाल स्कूल आने वाले नौनिहाल बिना किताब के पढ़ाई कर रहे हैं। यह जरूर है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विस्तृत निर्देश जारी हुए हैं।
जनपद में 1185 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में छह से आठवीं तक के विद्यालय 24 अगस्त को ही खुल चुके हैं। एक सितम्बर से पांचवीं तक के सभी स्कूलों में भी पढ़ाई शुरू हो गई है। शासन ने जुलाई में ही शिक्षकों को इसी आधार पर विद्यालय आने का आदेश दिया था, ताकि बच्चों के बुलाने के लिए सारे इंतजाम पूरे किए जा सकें। उनकी आनलाइन पढ़ाई जून से ही चल रही थी। दो माह में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के इंतजाम नहीं हो पाए हैं। यूनीफार्म देने का प्रकरण शासन में लंबित है। वहीं किताबें तो ब्लाक संसाधन केंद्रों तक पहुंच गई हैं लेकिन अभी ज्यादातर स्कूलों के छात्रों को किताबें नहीं मिल पाई हैं। जूता-मोजा व स्कूल बैग वितरण भी नहीं हुआ। बच्चों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए शासन स्तर से प्रयास तो हुए लेकिन अब भी जनपद में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चों को शुद्ध पेयजल के लिए जूझना पड़ेगा। कुछ परिषदीय स्कूल ऐसे भी हैं, जहां हैंडपंप खराब हैं, ऐसे में बच्चों को बाहर से पीने के लिए पानी का इंतजाम करना पड़ेगा। कुछ परिषदीय स्कूल का रास्ता बदहाल है तो कुछ के कैंपस के बाहर जलभराव की स्थिति है। कई परिषदीय स्कूलों में शौचालय की दशा बेहद खराब है।
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- दूसरे दिन भी व्यवस्था पटरी लाने की होती रही कवायद
स्कूल आने पर बच्चों को गर्मागर्म भोजन दिया जा सके। इसके लिए बीएसए दफ्तर के एमडीएम सेल से जानकारी जुटाई जाती रही है। असल में प्राथमिक विद्यालयों को छोड़कर पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पहले से ही भोजन पकाकर परोसा जा रहा है। कई प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक रिटायर हो चुके हैं और कई का तबादला गैर जनपद के लिए हो चुका है। ऐसे में दूसरे दिन भी व्यवस्था पटरी पर रहे इसके लिए विभागीय कवायद होती रही है। किसी भी दशा में विद्यालय से एमडीएम न बनने की शिकायत न आए इसके लिए खंड शिक्षाधिकारियों को निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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- कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन कराना चुनौती
स्कूलों में शारीरिक दूरी का अनुपालन कराने के साथ सभी बच्चों को मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराना शिक्षकों के लिए चुनौती होगा। साथ ही थर्मल स्क्रीनिग के लिए यंत्र की व्यवस्था भी नहीं है। हालांकि कुछ स्कूलों ने व्यवस्था की है।
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वर्जन-
कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन कराने के लिए शिक्षकों को सतर्क कर दिया गया है। जल्द ही सभी स्कूलों में किताबें पहुंच जाएंगी। पठन-पाठन सुचारु रूप से शुरू हो, इसके लिए पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। जिन स्कूलों में किताबें अब तक नहीं पहुंची एक-दो दिन में पहुंच जाएंगी। इसके बाद भी लेटलतीफी हुई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए