मुंबई से खींच लाया मिट्टी प्रेम, दी आर्थिक मदद एवं मुफ्त में पढ़ाने की पेशकश
आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने से देश में राष्ट्रीयता उफान पर है। बुधवार को मुंबई से राहुल ग्रुप के चेयरमैन पंडित लल्लन आर तिवारी को मिट्टी का प्रेम खींच लाया। वह शहीद के घर पहुंचे पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाए एवं एक लाख रुपये की मदद की। बोले वे परिवार के साथ हैं, शहीद अवधेश का बेटा उनके संस्थान में कोई भी शिक्षा ले सकता है, उन्हें खुशी होगी।
जागरण संवाददाता, पड़ाव (चंदौली) : आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने से देश में राष्ट्रीयता उफान पर है। बुधवार को मुंबई से राहुल ग्रुप के चेयरमैन पंडित लल्लन आर तिवारी को मिट्टी का प्रेम खींच लाया। वह शहीद के घर पहुंचे पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाए एवं एक लाख रुपये की मदद की। बोले वे परिवार के साथ हैं, शहीद अवधेश का बेटा उनके संस्थान में कोई भी शिक्षा ले सकता है, उन्हें खुशी होगी। पिता की आंखों के आंसू देख ढांढ़स बंधाते उनके साथ शहीद अवधेश के तैल चित्र के पास पहुंच उनका नमन किया। बुधवार को भी पूरे दिन सांत्वना देने पहुंचने वालों का तांता शहीद परिवार के घर तांता लगा रहा। भारत मां पर जान न्योछावर करने वालों के प्रति लोगों में श्रद्धा के भाव शहीद अवधेश के घर पहुंचने पर पता चलता है। घटना के कई दिनों बाद भी सांत्वना देने वालों में तनिक कमी नहीं आई है। दुख, दर्द बांटने वालों का रेला उमड़ रहा है। शहीद के चित्र के सामने लोगों को सिसकते देख सांत्वना देने वाले एवं परिजनों में भेद करना मुश्किल हो जाए। यूं तो पंडित लल्लन आर तिवारी बलुआ के महुअर गांव के निवासी हैं। उनके पास उच्चस्तर की पढ़ाई कराने वाले 50 से ज्यादा कॉलेज देश एवं विदेश में हैं। उनमें अपनी मिट्टी से लगाव आज भी तनिक कम नहीं हुआ है। उन्होंने जैसा कॉलेज मुंबई में वनवाया तो गांव में ही उसी स्वरूप का कॉलेज खड़ा किया। उधर शहीद अवधेश युवाओं के लिए आदर्श बन गये हैं। छात्र शुभम ¨सह अपने साथियों संग चंदौली के बहादुरपुर स्थित शहीद के घर पहुंच पुष्प अर्पित किया। बोले शहीद की शहादत उन्हें सदैव प्रेरणा देती रहेगी। छात्रों ने पीड़ित पिता को ढांढ़स बंधाते भरोसा दिलाया कि वह उनके बेटे की तरह हर दम सहयोग व सेवा को तैयार हैं। उनकी बातों से पिता हरिकेश के चेहरे में गर्व का भाव नजर आया। उन्होंने बताया अवधेश का सपना था कि वो अंतिम सांस तक मातृभूमि की सेवा करता रहे, पर नियति को कुछ और ही मंजूर था। अपने बेटे के शहीद होने पर गम जताते हुए आतंकी हमले की ¨नदा की। उनकी आंखे तो नम थी, लेकिन देश के लिए शहीद होने वाले लाल पर फक्र भी है। मृत्युंजय ¨सह, अवधेश सोनकर, राजन शर्मा, गो¨वद यादव, दुर्गा शरण, आशीष पटेल, गणेश प्रजापति सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।