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धरनारत वामपंथी पहुंचे तहसील मुख्यालय, की नारेबाजी

विभिन्न मांगों को लेकर नगर के गांधी पार्क में धरनारत वामपंथी मंगलवार को उग्र हो गए। संपूर्ण समाधान दिवस के आयोजन के दौरान बड़ी तादात में महिला पुरुष कार्यकर्ता तहसील मुख्यालय पहुंचे और जन समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसडीएम को पत्रक सौंप कर समस्याएं गिनाई। चेताया प्रशासन समस्याओं के निस्तारण पर शीघ्र पहल नहीं करता है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 07:30 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:23 AM (IST)
धरनारत वामपंथी पहुंचे तहसील मुख्यालय, की नारेबाजी
धरनारत वामपंथी पहुंचे तहसील मुख्यालय, की नारेबाजी

जासं, चकिया (चंदौली) : विभिन्न मांगों को लेकर नगर के गांधी पार्क में धरनारत वामपंथी मंगलवार को उग्र हो गए। संपूर्ण समाधान दिवस के आयोजन के दौरान बड़ी संख्या में महिला पुरुष कार्यकर्ता तहसील मुख्यालय पहुंचे और जन समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसडीएम को पत्रक सौंप समस्याएं गिनाई। चेताया प्रशासन समस्याओं के निस्तारण में शीघ्र पहल नहीं करता तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

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शंभूनाथ सिंह यादव ने कहा बैराठ फार्म की करीब एक हजार बीघा भूमि सीलिग कानून के दायरे में आने से भूमि पूर्व काशी राज की भूमि न होकर राज्य सरकार की भूमि हो गई है। बावजूद इसके भूमि पर पूर्व काशी राज द्वारा अपना दावा दर्शाया जा रहा है। जो कहीं से भी उचित नहीं है। आरोप लगाया प्रशासन की लचर व्यवस्था से बैराठ फार्म की भूमि पर दबंगों ने विवाद पैदा कर दिया। इससे प्रशासन द्वारा भूमि को कुर्क कर लिया गया है। कुर्क भूमि होने के चलते इस पर गरीब तबके द्वारा की जा रही खेती रुक गई है। प्रशासन गरीबों के प्रति असंवेदनशील बना हुआ है। प्रशासन बैराठ फार्म को लेकर 1998 में हुए त्रिपक्षीय समझौते को बहाल नहीं कर रहा। सिहर, मचवल, गोगहरा आदि गांवों आवंटित पट्टे की भूमि पर लाभार्थियों को कब्जा नहीं दिलाया गया। चेताया कि बैराठ फार्म की भूमि को गरीबों को नहीं दिया गया तो भाकपा व अन्य वामपंथी दल के खेती करने को बाध्य होंगे। तहसील मुख्यालय से लौटे वामपंथी गांधी पार्क में फिर से धरने पर बैठ गए। रामनिवास पांडेय, रामअचल यादव, कंचन, फूला, मालती, मदन राजभर आदि शामिल थे। अध्यक्षता राम दुलारे वनवासी व संचालन लालचंद सिंह ने किया।


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