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श्रीकृष्ण के दर्शन को साधुवेश में पहुंचे भगवान शंकर

जब-जब भगवान ने अवतार लिया तब-तब भगवान शंकर उनके बालरूप के दर्शन के लिए पृथ्वी पर पधारे। श्रीराम अवतार के समय भगवान शंकर वृद्ध ज्योतिषी के रूप में अयोध्या में पधारे। जब विष्णु जी ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया तो अपने इष्ट के बाल रूप के दर्शन और उनकी लीला को देखने के लिए शिवजी ने जोगी रूप बनाया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 07:20 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 06:22 AM (IST)
श्रीकृष्ण के दर्शन को साधुवेश में पहुंचे भगवान शंकर
श्रीकृष्ण के दर्शन को साधुवेश में पहुंचे भगवान शंकर

जासं, पीडीडीयू नगर(चंदौली): जब-जब भगवान ने अवतार लिया तब-तब भगवान शंकर उनके बालरूप के दर्शन के लिए पृथ्वी पर पधारे। श्रीराम अवतार के समय भगवान शंकर वृद्ध ज्योतिषी के रूप में अयोध्या में पधारे। जब विष्णु जी ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया तो अपने इष्ट के बाल रूप के दर्शन और उनकी लीला को देखने के लिए शिवजी ने जोगी रूप बनाया।

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उक्त बातें शाहकुटी स्थित काली मंदिर के पास संस्कृति संजीवनी सेवा संस्थान की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन शुक्रवार को स्वामी अखिलानंद जी ने कहीं। कहा जो सभी को आनंद प्रदान करें, उसे नंद कहते हैं और जो नंद हो उसके यहां परमानंद पधारते हैं। कहा कि ठाकुर जी इतने दयालु हैं कि पुतना को जो अपने स्तन में कालकूट विष लगाकर बाल कृष्ण का वध करने पहुंची थी, उसे भी सायुज्य मुक्ति देकर अपनी शरण में ले लिया। इसी प्रकार भगवान ने अनेक असुरों का उद्धार किया। कपिल सिंह, संतोष शर्मा, विनोद तिवारी, पीएन सिंह, संजय शर्मा, डा. एसके पांडेय, नीलम सिन्हा, सार्थक, यश आदि उपस्थित थे।


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