नौकरी छिनी, पैसा भी खत्म, अब परेशानी में बीत रहे दिन
नौकरी छिनी पैसा भी खत्म हो गया अब परेशानी में बीत रहा दिन
जासं, सैयदराजा (चंदौली) : लॉकडाउन ने प्रवासियों को जिदगी ने बहुत से रंग दिखाए है। राजस्थान में प्लाईवुड कंपनी में काम करने वाले बिठूर के दो भाई और मोहल्ले के साथियों को नौकरी दिलाने ले गए। वहां उन्होंने काम किया, उसके बाद लॉकडाउन हो गया तो सबको मजबूरन लौटना पड़ा। कंपनी मालिक ने 10 हजार रुपये देकर भेज दिया और बाद में हिसाब देने की बात कही। वो रकम तो रास्ते में ही खर्च हो गई। घर लौटे तो ग्रामीणों ने विरोध करके 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में भेजवा दिया। अब साथी रुपये देने से दोनों भाइयों को कतरा रहे हैं। बगही के प्रेमचंद बताते हैं कि राजस्थान में प्लाईवुड के कारखाने में दो साल पहले से काम कर रहे थे। गांव के आकाश, कुलदीप, श्याम, ऋतिक, आशीष, सौरव और विकास को काम दिलाने के लिए साथ ले गए थे। वहां उन्होंने कुछ दिन काम भी किया, लेकिन लॉकडाउन होने पर काम बंद हो गया फिर भी फैक्ट्री से खाना-पानी मिलता रहा। दो माह रुकने के बाद मन घबराया तो घर आने की ठान ली। फैक्ट्री मालिक से पैसा मांगा तो दस हजार दिए और बाकी हिसाब बाद में करने की बात कही। साधन न मिलने पर सभी साथी पैदल ही निकल लिए। जो पैसा मिला रास्ते में ही खर्च हो गया। समाजसेवियों से जो खाना-पानी मिल जाता उससे ही काम चलता रहा, एक सप्ताह पैदल चलते-चलते जूते-चप्पल फट गए। घर पहुंचे तो गांव के लोगों ने संक्रमण के डर से गांव में आने का विरोध कर दिया। इस पर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना पड़ा। घर पहुंचे तो अच्छे ढंग से रखा गया, लेकिन गांव से साथ में काम करने वाले साथियों ने पैसा मांगना शुरू कर दिया। उनके घर वाले भी नाराज हो गए। साथी पैसे के लिए गाली गलौज कर रहे हैं। उनके घर के लोग भी माता-पिता से उलाहना दे रहे हैं।