सिचाई दफ्तर में तालाबंदी करना किसान नेता को पड़ा महंगा
कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेना भारतीय किसान यूनियन (अ) के तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र पाल को महंगा पड़ गया। सोमवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तहसील अध्यक्ष को जेल भेज दिया।
जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली) : कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेना भारतीय किसान यूनियन (अ) के तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र पाल को महंगा पड़ गया। सोमवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तहसील अध्यक्ष को जेल भेज दिया।
भारतीय किसान यूनियन (अ) के तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र पाल नगर स्थित सिचाई विभाग के सहायक अभियंता (द्वितीय) कार्यालय पर पहुंचे। चंद्रप्रभा सिस्टम पर आधारित निकोईया नहर से संबद्ध गुलगुलिया माइनर व अन्य नहर को पूरी क्षमता से पानी छोड़े जाने के साथ ही टेल तक पानी पहुंचाने की मांग को लेकर हंगामा मचाने लगे। सहायक अभियंता कमलेश सोनकर ने तहसील अध्यक्ष को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने।
तहसील अध्यक्ष कार्यालय में तालाबंदी करने लगे। इसी बीच अधिशासी अभियंता सर्वेश सिन्हा कार्यालय पहुंच गए। किसान नेता को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। यह देख अधिशासी अभियंता ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को मामले की जानकारी दी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे और किसान नेता को अपने वाहन में बैठाकर कोतवाली ले गए। थानाध्यक्ष को शांतिभंग की आशंका में जेल भेजने का निर्देश दिया। पुलिस ने किसान नेता का चिकित्सकीय मुआयना कराने के बाद जमानत के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के यहां भेजा। जहां उनकी जमानत खारिज कर वाराणसी जिला कारागार में भेज दिया गया।