तापमान बढ़ने से गेहूं उत्पादन पर पड़ेगा असर
- रुक गई बढ़वार पिछैती फसल में निकलने लगी बालियां - कृषि विज्ञानी बोले किसान करते रहें
- रुक गई बढ़वार, पिछैती फसल में निकलने लगी बालियां
- कृषि विज्ञानी बोले किसान करते रहें हल्की सिचाई जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : फरवरी में ही तापमान 31 डिग्री के पार पहुंच गया। मौसम काफी गर्म हो चुका है। किसानों को चिता है कि तापमान की मार गेहूं की फसल पर पड़ेगी। गेहूं के दाने की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी और उत्पादन भी कम होगा।
गेहूं की अच्छी फसल के लिए इस वक्त मौसम में हल्की ठंडक होनी चाहिए लेकिन एक सप्ताह से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। कृषि विज्ञानी राजीव कुमार ने कहा फरवरी-मार्च में गेहूं की अच्छी फसल के लिए तापमान अधिकतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। तापमान काफी बढ़ चुका है। अगेती फसल में बालियां निकल चुकी हैं और दाने बन रहे हैं। ऐसे तापमान में एक तो दाने कम पड़ेंगे और जो दाने बनेंगे भी वो सिकुड़ जाएंगे। पौधों की बढ़वार कम होने से भूसा भी कम होगा। पिछेती फसल की वृद्धि प्रभावित होगी। पौधे में जल्दी ही बालियां बनने लगेगी। यानी पौधे की लंबाई कम रहेगी और सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। तापमान की यही स्थिति रही तो उत्पादन 20 से 25 फीसद कम होगा। हल्की सिचाई फसल के लिए मुफीद
वैसे तो गेहूं की पूरी फसल में तीन से चार सिचाई की जाती है लेकिन अब अधिक सिचाई की जरूरत निश्चित रूप से पड़ेगी। हल्की सिचाई करने से तापमान बढ़ने का प्रतिकूल प्रभाव कम होगा। फसल की निगरानी करते रहें। बोले किसान.
किसान श्रवन कुमार ने कहा पिछले साल बारिश बहुत अधिक हो गई थी और इस बार बारिश कम हुई है। गर्मी काफी बढ़ गई है। गेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान होने का खतरा लग रहा है। प्रद्युम्न मौर्या ने कहा गर्मी बढ़ने से फसलों को नुकसान हो रहा है। कृषि विज्ञानी की सलाह ली थी और हल्की सिचाई कर रहा हूं। रविप्रकाश ने कहा फसल की बोआई में देरी हो गई, मौसम गर्म होने से धीरे-धीरे गेहूं की बालियां निकलने लगी हैं।