फल व सब्जी की खेती से बढ़ेगी आय, रहेंगे तंदुरूस्त
जागरण संवाददाता चंदौली कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में गुरुवार को पोषण अभियान गोष्ठी का आय।
जागरण संवाददाता, चंदौली : कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में गुरुवार को पोषण अभियान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी दी गई। कृषि विशेषज्ञों ने फल और सब्जी की खेती के लिए किसानों के लिए जागरूक किया। दूध की कमी को पूरा करने के लिए कम लागत में बकरी पालने की सलाह दी।
कृषि वैज्ञानिक डा. समीर पांडेय ने कहा, शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है। इसलिए इंसानों को अपने खान-पान से ही पांचों तत्वों की भरपाई करनी होती है। ग्रामीण इलाके में महिलाओं को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है। इसके चलते शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है। खेती में विविधता अपनाकर कुपोषण को दूर किया जा सकता है। संतुलित आहार में 500 ग्राम अनाज के साथ 300 ग्राम सब्जी, 250 मिली लीटर दू्ध आवश्यक है। इसके लिए किसान बाजार पर आश्रित नहीं हैं। बल्कि खुद उगाकर ताजा सब्जी का सेवन कर सकते हैं। सबसे अधिक प्रोटीन दाल में पाया जाता है। इसलिए दलहनी फसलों की खेती जरूर करें। इससे आत्मनिर्भर बनेंगे। खुद स्वस्थ रहने के साथ ही दूसरों की जरूरतों को भी पूरा कर पाएंगे। बताया कि गेहूं की प्रजाति एचडी 2967 में सर्वाधिक 12 प्रतिशत प्रोटीन मिलता है। इसलिए किसान खुद के इस्तेमाल के लिए इस प्रजाति की खेती जरूर करें। डा. दिनेश कुमार ने फसल लगाने का तरीका बताया। कहा, समय से फसल की बोआई करने से अच्छा उत्पादन होता है। अमरूद को गरीबों का सेव कहा जाता है। इसलिए अमरूद का बाग लगाएं। जो किसान पूंजी की कमी के चलते गाय पालन में सक्षम नहीं हैं वे बकरी पाल सकते हैं। बकरी का दूध भी काफी फायदेमंद होता है। किसानों को सब्जी का बीज व फलदार वृक्ष का पौधा दिया गया। डा. रितेश कुमार गंगवार, अविनाश वर्मा, मनीष, शांति देवी, मिथिलेश यादव, शकुंतला देवी, गुजराती, श्यामप्यारी आदि मौजूद थीं।