विकल्प नहीं मिला तो किसान खेतों में जलाएंगे पराली
घोसवां गांव स्थित पंचायत भवन परिसर में में रविवार को पराली जलाने को लेकर किसानों की पंचायत हुई। इसमें किसानों ने निर्णय लिया कि धान की कटाई कराने के बाद तीन दिन तक इंतजार करेंगे। यदि प्रशासन की ओर से पराली नहीं जलाने को विकल्प उपलब्ध नहीं कराया गया तो वे जलाने को विवश होंगे। किसानों ने कहा खेतों में काम
जासं, बरहनी (चंदौली) : घोसवां गांव स्थित पंचायत भवन परिसर में में रविवार को पराली जलाने को लेकर किसानों की पंचायत हुई। इसमें किसानों ने निर्णय लिया कि धान की कटाई कराने के बाद तीन दिन तक इंतजार करेंगे। यदि प्रशासन की ओर से पराली नहीं जलाने को विकल्प उपलब्ध नहीं कराया गया तो वे जलाने को विवश होंगे।
किसानों ने कहा खेतों में काम करने को मजदूर ही नहीं मिल रहे। ऐसे में मशीन से कटाई हो रही है। मशीन से कटाई के बाद पराली जलाना उनकी विवशता है। सरकार व प्रशासन को पराली नहीं जलाने का विकल्प उपलब्ध कराना होगा तभी इस पर रोक लग सकती है। पराली के कारण यदि समय से खेत तैयार नहीं होगा तो गेहूं की बोआई का कार्य प्रभावित होगा। इससे पैदावार पर विपरित असर पड़ेगा। नमी सूखने से खेत परती हो जाएंगे। कहा किसान किसी भी कीमत पर अपना खेत परती नहीं होने देंगे। दीनानाथ श्रीवास्तव, संतविलास सिंह, अनूप सिंह, अरुण सिंह, इंदल सिंह, पवन सिंह, चंदन सिंह, संतोष , अजीत, फौजदार, अनिल, अभिषेक सहित कई किसान उपस्थित थे।
----------------
किसानों की समस्याओं पर चर्चा
अक्टूबर क्रांति के अवसर पर रविवार को अदसड़ गांव में किसान विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें किसानों की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। राजकुमार सिंह ने कहा वर्तमान में किसानों की समस्याओं का अंबार है।जिसका निदान नहीं हो पा रहा है। सरकारें किसानों की उपेक्षा कर रही हैं। किसान दर-दर भटकने को विवश हैं। ऐसे में किसानों के मूल समस्याओं पर मंथन करना जरूरी है। अन्य जनपदों एवं बिहार से आए वक्ताओं ने देश व प्रदेश की ज्वलंत समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। कहा महंगाई के बोझ से किसान की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। संतोष मौर्या, राधेश्याम शर्मा, चंदन यादव, अशोक सिंह, महेंद्र सिंह, ओमप्रकाश सिंह आदि उपस्थित थे।