आखिर कब तक पूरी होगी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की जांच
जागरण संवाददाता, चंदौली : इसे जांच एजेंसियों की लापरवाही कहें या जनहित की योजनाओं को अध
जागरण संवाददाता, चंदौली : इसे जांच एजेंसियों की लापरवाही कहें या जनहित की योजनाओं को अधर में लटकाना। कार्यदाई संस्था पर पांच वर्ष पूर्व एफआइआर हुई और आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी। योजना भी लंबे समय से अधर में लटकी हुई है। आम जन को इसका लाभ भी नहीं मिल रहा। जी हां, यहां बात हो रही है चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की। सवा चार-चार करोड़ की लागत से वर्ष 2009 से इन केंद्रों का निर्माण शुरू हुआ जो आज तक लटका है। अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं जांच कब तक चलेगी, यह उन्हें पता नहीं।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 2009 में शहाबगंज, चहनिया, बबुरी और धानापुर में 4.25 करोड़ की लागत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण शुरू हुआ। राजकीय निर्माण निगम वाराणसी और मिर्जापुर इकाई ने शुरुआत में तेजी से कार्य किया। 50 फीसद कार्य पूर्ण होते ही निर्माण में अनियमितता शुरू हो गई। 2011 एनआरएचएम घोटाला उजागर होते ही चारों केंद्रों पर संकट छा गया। 2013 में इन केंद्रों को क्लीन चिट मिली और कार्य शुरू हुआ लेकिन फिर गड़बड़ी के कारण कार्य रुक गया। जिला प्रशासन हरकत में आया और कार्यदाई संस्था के चार जेई व उनके उच्चाधिकारियों के खिलाफ संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई। इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा (इकोनामिक ऑफेंस ¨वग) ने भी जांच शुरू कर दी। एफआइआर दर्ज हुए पांच साल हो गए और ईओडब्लू की जांच को भी चार साल हो गए पर अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला। सीएचसी मामला किसी नतीजे पर आ जाए तो जिले को इसका कुछ लाभ मिल जाए। .. तो मिल जाएं 25 चिकित्सक
जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों का घोर अभाव है। उक्त चारों सीएचसी का मामला हल हो जाए तो 25 चिकित्सक और भारी भरकम स्टाफ के पद सृजित हो जाएं। वहीं सीएचसी का आम जन को लाभ मिलना शुरू हो जाए। चूंकि चंदौली पिछड़े जिलों में शामिल है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कमजोर है, इसलिए ये सीएचसी जिले के लिए अहम हैं। किसी अधिकारी को कुछ नहीं पता
दोनों मामलों में जांच कहां तक पहुंची, क्या कार्रवाई हो रही है, कब तक मामला के हल निकल जाएगा, इस बारे में कोई अधिकारी कुछ नहीं जानता। स्वास्थ्य विभाग भी इस बारे में कुछ नहीं जानता है। यह कहकर पल्लू झाड़ लेता है कि जांच की जा रही है। निदेशालय भेजा है पत्र
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीके मिश्र कहते हैं कि लंबे समय से जांच चल रही है और कुछ पता भी नहीं चल रहा। इसके लिए निदेशालय पत्र भेजा गया है। जिले में चारों सीएचसी के चालू होने की आवश्यकता जताई गई। पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। ईओडब्लू की जांच चल रही है। इस संबंध में जांच अधिकारी रिकार्ड जरूर ले गए पर क्या कार्रवाई इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके लिए शासन को लिखापढ़ी की जाएगी।
-डा. एके श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी।