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मरीज के इलाज में लापरवाही पर अस्पताल का लाइसेंस रद

मरीज के इलाज में लापरवाही पर सीएमओ डा. आरके मिश्रा ने चकिया स्थित द्रविलोक अस्पताल का लाइसेंस रद कर दिया। अस्पताल में भर्ती महिला मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतका के परिजनों ने आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी। सीएमओ ने चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम भेजकर अस्पताल की जांच कराई तो तमाम तरह की कमियां पाई गईं। अस्पताल के अभिलेखों में चिकित्सकों के फर्जी नाम दर्ज मिले।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 07:21 PM (IST)
मरीज के इलाज में लापरवाही पर अस्पताल का लाइसेंस रद
मरीज के इलाज में लापरवाही पर अस्पताल का लाइसेंस रद

जागरण संवाददाता, चंदौली : मरीज के इलाज में लापरवाही पर सीएमओ डा. आरके मिश्रा ने चकिया स्थित द्रविलोक अस्पताल का लाइसेंस रद कर दिया। अस्पताल में भर्ती महिला मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतका के परिजनों ने आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी। सीएमओ ने चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम भेजकर अस्पताल की जांच कराई तो तमाम तरह की कमियां पाई गईं। अस्पताल के अभिलेखों में चिकित्सकों के फर्जी नाम दर्ज मिले।

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शहाबगंज ब्लाक के विशुनपुरा गांव निवासी मुरारी की पत्नी तेतरा को पेट में दर्द होने पर परिजनों ने चकिया स्थित द्रविलोक अस्पताल में भर्ती कराया था। चिकित्सकों ने जांच के बाद अपेंडिक्स होने की बात कही और आपरेशन कराने की सलाह दी। परिजनों के तैयार होने के बाद महिला का आपरेशन किया गया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। इससे नाराज परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। इसकी शिकायत आइजीआरएस पोर्टल पर कर दी। शासन से निर्देश मिलने के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरके मिश्रा ने चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम भेजकर अस्पताल की जांच कराई। इस दौरान तमाम तरह की कमियां पाई गईं। अस्पताल के अभिलेखों में सर्जन डा. सौम्या सिंह व निश्चेतक डा. सुमन सिंह की ओर से आपरेशन किए जाने संबंधी रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जांच टीम ने चिकित्सक से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि गत छह माह से नोएडा स्थित एक मेडिकल इंस्टीच्यूट में पढ़ाने का काम कर रही हैं। इस बीच द्रविलोक अस्पताल में अपनी कोई सेवा नहीं दी। सीएमओ ने बताया कि अस्पताल संचालक की ओर से तथ्यों को छिपाने का काम किया गया। अस्पताल के अभिलेखों में चिकित्सकों के फर्जी नाम दर्ज मिले। इस पर पंजीकरण रद करने की कार्रवाई की गई।


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