कोरोना काल में मरीजों का सहारा बना हर्बल गार्डेन
कोरोना काल में हर्बल गार्डेन की उपयोगिता साबित होने लगी है। चिकित्सक मरीजों को सुबह शाम काढ़ायुक्त चाय इसी गार्डेन में लगे औषधियुक्त पौधों से तैयार कराकर दी जा रही। देखभाल अच्छे ढंग से होने से संयुक्त चिकित्सालय परिसर में हर्बल गार्डेन के सैकड़ों औषधियुक्त पौधे लहलहा रहे। चिकित्सालय प्रशासन की ओर
जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली) : कोरोना काल में हर्बल गार्डेन की उपयोगिता साबित होने लगी है। चिकित्सक, मरीजों को सुबह, शाम काढ़ायुक्त चाय इसी गार्डेन में लगे औषधियुक्त पौधों से तैयार कराकर दी जा रही। देखभाल अच्छे ढंग से होने से संयुक्त चिकित्सालय परिसर में हर्बल गार्डेन के सैकड़ों औषधियुक्त पौधे लहलहा रहे। चिकित्सालय प्रशासन की ओर से पौधों की सिचाई, निराई करने के लिए बकायदा माली की नियुक्ति की गई है। जो नियमित गार्डेन में घास फूस की सफाई के साथ ही पौधों की देखरेख में लगा है।
चिकित्सालय परिसर में हर्बल गार्डेन बनाने का मकसद रहा कि स्वास्थ्य विभाग बुखार, खांसी जुकाम समेत अन्य बीमारियों से जकड़े रोगियों का इलाज हर्बल गार्डेन में लगे औषधियुक्त पौधों के माध्यम से करेगा। गार्डेन में मेडिसिन गुणों वाले तुलसी, एलोवेरा, दालचीनी, इलाइची, मेंहदी, अशोक, हींग, गिलोय, कढ़ी पत्ती समेत दर्जनों औषधियुक्त पौधे रोपित किए गए थे। तीन वर्ष पूर्व बने गार्डेन के चारों ओर रंग बिरंगे खुशबू वाले पौधे लगाने का खाका तैयार किया गया। मरीजों के तीमारदारों व आमजनों को गार्डेन में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था। कोरोना काल में हर्बल गार्डेन के प्रति चिकित्सालय प्रशासन ने सजगता दिखाई। बकायदा माली की नियुक्ति कर गार्डेन के कायाकल्प की ओर ध्यान दिया। नियमित गार्डेन में लगे पौधों की कोड़ाई, निराई व सिचाई की जा रही है। वर्तमान में गार्डेन के औषधियुक्त पौधे की उपयोगिता होने लगी है। सीएमएस डा. उषा यादव कहती है हर्बल गार्डेन में अभी और औषधियुक्त पौधे रोपित करने की जरूरत है। कोरोना काल में हर्बल गार्डेन की उपयोगिता बढ़ गई है।