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पहले दूर के स्कूलों का करना होगा निरीक्षण

जागरण संवाददाता चंदौली परिषदीय स्कूलों के निरीक्षण को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद ने स्पष्ट

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 05:46 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 05:46 PM (IST)
पहले दूर के स्कूलों का करना होगा निरीक्षण
पहले दूर के स्कूलों का करना होगा निरीक्षण

जागरण संवाददाता, चंदौली : परिषदीय स्कूलों के निरीक्षण को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी कर दी है। अब अधिकारियों को पहले दूर के विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा। इसकी रिपोर्ट प्रेरणा एप पर अपलोड करनी होगी। दरअसल अधिकारी लक्ष्य के अनुरूप नजदीक के स्कूलों का निरीक्षण कर अपने कर्तव्यों की ईतीश्री कर लेते हैं। ऐसे में दूर के विद्यालयों की स्थिति की पड़ताल नहीं हो पाती है। निरीक्षण आख्या के अवलोकन के बाद परिषद ने इसको लेकर स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अधिकारियों को पहले सुदूरवर्ती स्कूलों का निरीक्षण करना होगा। इसके बाद जिला व तहसील मुख्यालय और सड़कों के आसपास स्थित स्कूलों का निरीक्षण करेंगे।

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शासन ने अधिकारियों को स्कूलों के निरीक्षण का लक्ष्य दिया था। इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर स्कूलों के निरीक्षण के लिए बाकायदा अधिकारियों की टीम गठित की जाती है। हालांकि अधिकारी स्कूलों के निरीक्षण को लेकर ईमानदार नहीं हैं। जिला व तहसील मुख्यालय के साथ सड़कों के आसपास स्थित विद्यालयों के निरीक्षण पर उनका जोर रहता है, जबकि गांव-गिरांव और सुदूरवर्ती इलाकों में स्थित स्कूलों में कभी झांकने नहीं जाते। ऐसे में दूर के विद्यालय नियमित खुलते हैं कि नहीं। इन विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति क्या है, इसका कोई सटीक विवरण विभाग के पास नहीं रहता है। पिछले साल की निरीक्षण आख्या अधिकारियों ने शासन को भेजी थी। इसकी पड़ताल में अधिकारियों की सुस्ती सामने आई। इस पर महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि अधिकारी पहले दूर के विद्यालयों का निरीक्षण करें। इसके बाद समीप के स्कूलों का जायजा लें। रियल टाइम भरना होता है विवरण

अधिकारियों को प्रेरणा एप्लिकेशन के निरीक्षण मॉड्यूल के तहत स्कूलों का भ्रमण करना होता है। इसमें रियल टाइम डाटा भरना होता है। मसलन स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प की स्थिति, कराए गए विकास कार्य, बच्चों की उपस्थित और पंजीयन, शिक्षकों की उपस्थिति, पठन-पाठन की स्थिति के बारे में पूरा विवरण अंकित करना होता है। साथ ही विद्यालय परिसर में खुद की फोटो खींचकर अपलोड करनी होती है। प्रक्रिया इसलिए लागू की गई है ताकि अधिकारी फर्जी निरीक्षण आख्या न अपलोड कर सकें। 'जिले में स्कूलों का निरीक्षण किया जाता है। स्कूलों से गायब व जिम्मेदारियों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है। जो विद्यालय इससे वंचित हैं, उनकी भी पड़ताल कराई जाएगी। ताकि पठन-पाठन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए


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