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एफसीआइ ने सबसे कम, यूपीपीसीयू ने खरीदा सर्वाधिक धान

धान खरीद में एफसीआइ सबसे पीछे और यूपीपीसीयू सबसे आगे है। भारतीय खाद्य निगम ने अभी तक मात्र 2545 टन व यूपीपीसीयू ने 73519 टन धान खरीदा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 07:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:43 PM (IST)
एफसीआइ ने सबसे कम, यूपीपीसीयू ने खरीदा सर्वाधिक धान
एफसीआइ ने सबसे कम, यूपीपीसीयू ने खरीदा सर्वाधिक धान

जागरण संवाददाता, चंदौली : धान खरीद में एफसीआइ सबसे पीछे और यूपीपीसीयू सबसे आगे है। भारतीय खाद्य निगम ने अभी तक मात्र 2545 टन व यूपीपीसीयू ने 73,519 टन धान खरीदा है। किसानों को भुगतान क्रय एजेंसी नेफेड सबसे फिसड्डी है। एजेंसी पर लगभग 85 फीसद किसानों का भुगतान बकाया है। वैसे पूरे जिले में विभिन्न एजेंसियों के क्रय केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों का 182 करोड़ रुपये बकाया है। इससे किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिलाधिकारी ने धान के भुगतान में पिछड़ी एजेंसियों के प्रभारियों को सख्त चेतावनी देते हुए जल्द भुगतान का निर्देश दिया है।

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जिले में 125 क्रय केंद्रों पर धान खरीद हो रही है। 2.47 लाख टन खरीद के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 1.94 लाख टन अनाज की खरीद हो चुकी है। भारतीय खाद्य निगम ने 2545 टन अनाज खरीदा है। इसके अलावा खाद्य विपणन विभाग ने 56,826 टन, पीसीएफ 33,488, नेफेड 13,165.42 टन और यूपीपीसीयू ने 73,519.88 टन अनाज खरीदा है। जिले के 29 हजार 979 किसानों से 1 लाख 94 हजार 17 टन धान खरीदा जा चुका है। कुल 372.82 करोड़ का अनाज खरीदा गया है। इसमें 13 हजार 974 किसानों को 190.16 करोड़ भुगतान किया जा चुका है। वहीं 182 करोड़ रुपये अवशेष हैं। खासतौर से क्रय एजेंसी नेफेड के भुगतान की स्थिति सबसे खराब है। वहीं यूपीपीसीयू भी किसानों को पैसा देने में विलंब कर रही है। इससे अन्नदाता अपनी उपज बेचने के बाद अब चक्कर काटने के लिए विवश हैं। कभी एजेंसी तो कभी डिप्टी आएमओ के दफ्तर की दौड़ लगा रहे हैं। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने नेफेड का जल्द भुगतान कराने के लिए एजेंसी के एमडी को पत्र भी भेजा है।

खरीद में सबसे आगे, भुगतान में पीछे

यूपीपीसीयू खरीद में सबसे आगे है। एजेंसी की ओर से जिले में खोले गए दो दर्जन से अधिक क्रय केंद्रों पर 73 हजार टन से अधिक धान खरीदा गया है। हालांकि किसानों का समय से भुगतान नहीं हो पा रहा है। शासन से तय मानक के अनुरूप 72 घंटे में किसानों का भुगतान होना चाहिए, लेकिन किसानों के खाते में पैसे पहुंचने में एक पखवारे से अधिक समय लग जा रहा है। इससे अन्नदाता परेशान हैं।

' जिन-जिन एजेंसियों का भुगतान शेष होने की जानकारी मिल रही, उन एजेंसी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। एक सप्ताह के अंदर किसानों के बकाए का भुगतान करा दिया जाएगा।

अनूप कुमार श्रीवास्तव, डिप्टी आरएमओ।


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