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प्रधान ने परिवार में ही बांट दिए आठ शौचालय

तेंदुईपुर गांव में ग्राम प्रधान ने अपने ही परिवार के आठ सदस्यों के नाम शौचालय की सूची में डाल दिये। लोगों मे विरोध किया तो दो सदस्यों के नाम सूची से हटा दिए। कमोबेश ऐसी शिकायतें कई गांवों से आ रही है। यदि बारीकी से जांच हो तो केंद्र सरकार की इस योजना में जनप्रतिनिधि व अधिकारी मिलकर लंबा खेल खेल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 06:54 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 06:54 PM (IST)
प्रधान ने परिवार में ही बांट दिए आठ शौचालय
प्रधान ने परिवार में ही बांट दिए आठ शौचालय

जासं, सकलडीहा(चंदौली) : तेंदुईपुर गांव में ग्राम प्रधान ने अपने ही परिवार के आठ सदस्यों के नाम शौचालय की सूची में डाल दिए। विरोध हुआ तो दो सदस्यों के नाम सूची से हटा दी। गांव में गरीब तबके के सैकड़ों ग्रामीण शौचालय के लिए लाइन लगाए हैं। सबकुछ जानने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी खामोश हैं। हालांकि, ऐसा खेल कई गांवों में चल रहा लेकिन अफसरों की नजरें इनायत होने से प्रधान नियमों को ताख पर रख अपनों को ओडीएफ अनुदान का लाभ पहुंचा रहे हैं। अब तक सियासत में ही भाई-भतीजावाद सिर चढ़ कर बोल रहा था। ग्राम प्रधानों ने इसे अब अब पंचायत में संचालित योजनाओं तक में ला खड़ा किया है। ताजा मामला विकासखंड के तेंदुईपुर गांव का है। ग्राम प्रधान ने अपनी तीन बहुओं व जेठ सहित उनकी चार बहुओं का नाम शौचालय की सूची में डाल दिया। विरोध में स्वर उठे तो अपनी दो बहुओं का नाम सूची से हटा दिया लेकिन अब भी एक बहू, जेठ व उनकी चार बहुओं का नाम सूची में दर्ज है। आठ जेठ व तीन बहुओं के शौचालय बनकर तैयार भी हो गए हैं। गांव के कई पात्र सूची में नाम शामिल होने के लिए उनकी चौखट पर गुहार लगा चुके हैं। सूची पर गौर करें तो प्रधान ने अपनी तीन बहुओं सावित्री, बबिता व सुनीता का नाम सूची में शामिल किया था। विरोध होने पर बबिता व सुनीता का नाम सूची से हटा दिया। जेठ जयकरण के पहले से निर्मित शौचालय को सूची में दिखाकर भुगतान कर दिया। उसके बाद उनकी बहुओं ऊषा, लक्ष्मीना, सोनी व पूजा का नाम सूची में शामिल कर लिया। जिनमें सोनी व पूजा का शौचालय बनकर तैयार है। शौचालय निर्माण में पात्र लाभार्थियों को दरकिनार कर अपनों को मलाई खिलाई गई। निश्चित रूप से इसमें सचिव की सहभागिता से इनकार नहीं किया जा सकता। गांव की समाजसेविका पूनम चौहान ने बताया कि शौचालय निर्माण में प्रधान व सचिव ने सारे नियमों को ताक पर रख दिया है। अपनों को लाभ पहुंचाने में कई पात्रों को शौचालय से वंचित कर दिया। ग्राम प्रधान ने सारे आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि 210 शौचालयों का निर्माण कराया जाना है। इनमें किसी अपात्र को शामिल नहीं किया है। विरोध की अगुआई कर रहे युवा संघर्ष मोर्चा के संयोजक शैलेन्द्र पांडेय ने कहा कि कई गांवों में शौचालय निर्माण में अनियमितता की शिकायत है। सारे साक्ष्य डीएम के सामने प्रस्तुत किये जाएंगे।

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