नरवन में पानी का अकाल, अन्नदाता बेहाल
काल कलौटी उजर धरती ए मौला तू पानी दे..। जी हां उक्त पक्तियां नरवन के किसानों पर सटीक बैठ रही है। क्षेत्र में ¨सचाई के लिए नहरों का जाल बिछा है और कर्मनाशा नदी में 14 लिफ्ट कैनाल के अलावा दर्जनों नलकूप है।
जासं , बरहनी (चंदौली) : चिलचिलाती धूप, खेतों में पड़ी दरार, सूख रही फसल, किसान हलकान। जी हां, बात हो रही नरवन इलाके की। ¨सचाई संसाधनों के जाल के बावजूद धान की फसल पानी को तरस रही। चाहकर भी किसान अपनी मूल पूंजी को बचाने में असमर्थ हैं। हालांकि क्षेत्र में कर्मनाशा नदी पर बने 14 लिफ्ट कैनाल, दर्जनों नलकूप स्थापित हैं लेकिन पानी ही नहीं।
¨सचाई के अभाव में धान की फसल पीली और खेतों में दरार को देख किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें ¨खच गई हैं। किसान अपनी व्यथा को अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के दर पर बता चुके हैं पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। किसान शिवबच्चन ¨सह, सुमंत ¨सह, राजमोहन तिवारी, मुराहू, बेचू ,अर¨वद कुमार, संतविलास ¨सह, अलगू आदि ने कहा धान की फसल में बालियां निकल रही हैं। ऐसे में खेतों की ¨सचाई होना आवश्यक है। कई बार जिला प्रशासन से अमड़ा बड़ी नहर सहित अन्य नहरों में पानी छोड़ने की मांग की गई। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी जा रही। किसानों ने कहा कि उनकी समस्या का जल्द निस्तारण नहीं किया गया तो आंदोलन को बाध्य होंगे।