बीते वित्तीय वर्ष के दर्जनों आवास अधूरे, बीडीओ को चेतावनी
सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव ने शनिवार को विकास भवन में मातहतों संग बैठक की। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास मनरेगा शौचालय आदि योजनाओं के प्रगति का हाल जाना। नौगढ़ सकलडीहा धानापुर चकिया नियामताबाद सहित अन्य ब्लाकों में गत वित्तीय वर्षों में आवंटित आवासों का निर्माण अभी तक पूरा न होने पर गहरी नाराजगी जताई।
जागरण संवाददाता, चंदौली : सीडीओ डा. एके श्रीवास्तव ने शनिवार को विकास भवन में मातहतों संग बैठक की। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास, मनरेगा, शौचालय आदि योजनाओं के प्रगति का हाल जाना। नौगढ़, सकलडीहा, धानापुर, चकिया, नियामताबाद सहित अन्य ब्लाकों में गत वित्तीय वर्षों में आवंटित आवासों का निर्माण अभी तक पूरा न होने पर गहरी नाराजगी जताई। बीडीओ को शीघ्र आवास पूर्ण कराने के निर्देश दिए। लापरवाही पर सख्त विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी।
विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व लाभार्थियों की सुस्ती शासन की सख्ती पर भारी पड़ रही। इसका नतीजा वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 में लाभार्थियों को आवंटित दर्जनों आवास अभी तक अधूरे हैं। नौगढ़ में 77, नियामताबाद 26, शहाबगंज आठ, सकलडीहा 29 समेत अन्य ब्लाकों में दर्जनों प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण अधूरा है। कहीं छत नहीं पड़ी है, तो कहीं भवन बनकर तैयार होने के बाद खिड़की, दरवाजा व प्लास्टर का इंतजार है। मुख्यमंत्री आवास की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। काफी संख्या में लाभार्थियों के खाते में पहली किस्त नहीं पहुंची। वहीं अन्य लाभार्थी काफी दिनों से दूसरी व तीसरी किस्त आने की बाट जोह रहे है। इसके चलते आवास अधूरे पड़े हैं। सीडीओ ने कहा, गत वर्षों में आवंटित आवासों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जाना चाहिए। सीएम आवास के लाभार्थियों के खाते में किस्त भेजने के लिए सूची तैयार कर भेजें। ताकि शासन को रिपोर्ट भेजी जाए। उन्होंने योजना के तहत सबसे खराब प्रगति वाले नौगढ़, धानापुर, चहनियां बीडीओ की क्लास लगाई। बोले, योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाह अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। डीडीओ पदमकांत शुक्ला, पीडी सुशील कुमार, डीसी मनरेगा धर्मजीत सिंह, डीसी एनआरएलएम एमपी चौबे, चकिया बीडीओ सरिता सिंह, नियामताबाद बीडीओ रक्षिता सिंह, धानापुर बीडीओ सुशील मिश्रा मौजूद थे। वारिस न होने पर तहसील को भेजें रिपोर्ट
बीडीओ ने बताया कि गत वित्तीय वर्षों में तमाम ऐसे लाभार्थियों को आवास आवंटित किए गए, जिनकी बाद में मौत हो गई। फिलहाल उनका कोई वारिस नहीं मिल रहा। इसके चलते आवास अधूरे हैं। ऐसी स्थिति में धनराशि की रिकवरी कराना भी संभव नहीं। सीडीओ ने ऐसे लाभार्थियों की सूची तैयार कर तहसील में भेजने के निर्देश दिए। कहा, तहसील प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर वारिसों को ढूंढ़ने का प्रयास करें।