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नीति आयोग की डेल्टा रैंकिग में जिला फिसड्डी, 111वां स्थान

जागरण संवाददाता चंदौली नीति आयोग की जनवरी की डेल्टा रैंकिग में कृषि प्रधान जनपद फिसड्

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 11:25 PM (IST)
नीति आयोग की डेल्टा रैंकिग में जिला फिसड्डी, 111वां स्थान
नीति आयोग की डेल्टा रैंकिग में जिला फिसड्डी, 111वां स्थान

जागरण संवाददाता, चंदौली : नीति आयोग की जनवरी की डेल्टा रैंकिग में कृषि प्रधान जनपद फिसड्डी है। देश के 117 अतिपिछड़े जिलों में चंदौली का 111वां स्थान है। स्वास्थ्य व पोषण, वित्तीय समावेशन व कौशल विकास, कृषि और जल संसाधन के साथ ही मूलभूत सुविधाओं के क्षेत्र में प्रगति नहीं हुई है। इसके चलते जनपद निचले पायदान पर आ पहुंचा। इससे अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में जिले को जनवरी माह में 77 अंक मिले हैं, जबकि दिसंबर में 78.1 अंक थे। डेल्टा रैंकिग में 36वां स्थान है। इसी तरह कृषि और जल संसाधन में 22.5 अंक हैं। डेल्टा रैंकिग में 68वां पायदान है। मूलभूत सुविधाओं के क्षेत्र में 61.8 अंक मिले हैं। दिसंबर में 61.7 अंक मिले थे। इसकी डेल्टा रैंकिग 64वीं है। सबसे खराब स्थिति वित्तीय समावेशन व कौशल विकास मिशन की है। दिसंबर माह की तुलना में इस बार गिरावट आई है। जनवरी में महज 28.02 अंक मिले हैं जबकि दिसंबर में 44.5 अंक थे। देश में 112वां स्थान है। शिक्षा के क्षेत्र में स्थिति थोड़ी ठीक है। इसमें 64.9 अंक के साथ जिला आठवें स्थान पर है। नीति आयोग ने 2017 में जिले को अतिपिछड़ा घोषित किया था। आयोग के मानक के अनुरूप जनपद में स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन व कौशल विकास और मूलभूत सुविधाओं के क्षेत्र में विकास कार्य कराए जा रहे हैं। जिला दो बार देश के अतिपिछड़े जिलों में पहले स्थान पर रहा चुका है। दिसंबर 2019 व सितंबर 2020 में देश के 117 अतिपिछड़े जिलों में चंदौली पहले स्थान पर रहा। एक दफा दूसरे स्थान पर भी रहा है। आयोग ने इस उपलब्धि पर जिले के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये इनाम भी दिया था लेकिन कुछ माह के बाद ही रैंकिग गिरकर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई। मानक के अनुरूप सभी क्षेत्रों में जिला फिसड्डी साबित हुआ। इसे दोबारा शीर्ष पर पहुंचाना अधिकारियों के लिए चुनौती साबित होगी।

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आयोग के उपाध्यक्ष ने दी थी हिदायत

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाक्टर राजीव कुमार ने जनवरी में जिले का दौरा किया था। इस दौरान अधिकारियों के साथ बैठक की। वहीं जिले में भ्रमण कर परियोजनाओं की प्रगति देखी थी। उन्होंने अफसरों को फर्जी रिपोर्टिंग से बाज आने की हिदायत दी थी। वहीं आयोग के इंडिकेटर्स के अनुरूप प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर विकास करने के निर्देश दिए थे।

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मियाद पूर्ण होने पर भी परियोजनाएं अधूरी

अतिपिछड़े जिले में रेलवे ओवरब्रिज समेत कई परियोजना मियाद पूरी होने के बावजूद अधूरी हैं। निर्माण कब तक पूरा होगा, इसके बारे में अधिकारी भी स्पष्ट तौर पर कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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' विकास कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। आयोग की रैंकिग में गिरावट पर कमियों को चिह्नित कर दूर किया जाएगा। अधिकारियों को ईमानदारी के साथ काम करने का निर्देश दिया गया है।

अजितेंद्र नारायण, सीडीओ


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