भीमसेनी एकादशी पर गंगा में लगाई डुबकी
भीमसेनी एकादशी पर उमड़ा स्नानार्थियों का रेला
जासं, चहनियां (चंदौली) : पश्चिम वाहिनी गंगा बलुआ घाट पर एकादशी के पावन पर्व पर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे भीड़ बढ़ती गई। लोगों ने सदानीरा गंगा में डु़बकी लगाई और साविधिक पूजन किया। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। हिदू धर्म में एकादशी व्रत मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण है। भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है। इस दिन विधिपूर्वक जल कलश का दान करने वालों को पूरे साल फल मिलता है।
मान्यता है कि जो पवित्र एकादशी का व्रत करता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। व्रत पुरुष और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है। वेदव्यास ने पांडवों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देने वाले एकादशी व्रत का संकल्प कराया था। एकादशी को सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक मनुष्य जल का त्याग करे तो यह व्रत पूर्ण होता है। संपूर्ण एकादशी व्रतों में उत्तम है। आस्था व विश्वास से सराबोर लोगों ने मां गंगा के पवित्र जल में गोता लगाकर अपने मंगलमय जीवन की कामना करते हुए बिना अन्न व जल के व्रत धारण कर यश के भागी बने। वहीं पुलिस द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों से लॉकडाउन व शारीरिक दूरी का पालन करने की अपील की जा रही थी।