कम उम्र में मधुमेह घातक, परहेज और इलाज ही सार्थक
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. डीके सिंह ने कहा कम उम्र में मधुमेह की बीमारी घातक है। ऐसे में लापरवाही व घरेलु नुस्खे आजमाने की बजाए परहेज और इलाज कराना ही सार्थक होगा। एसीएमओ बुधवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
जागरण संवाददाता, चंदौली : अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. डीके सिंह ने कहा कम उम्र में मधुमेह की बीमारी घातक है। ऐसे में लापरवाही व घरेलू नुस्खे आजमाने की बजाए परहेज और इलाज कराना ही सार्थक होगा। एसीएमओ बुधवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण व बदलते मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी।
सवाल : 32 वर्ष उम्र है। वजन ज्यादा हो गया है, पेट बढ़ रहा है। जांच में मधुमेह के लक्षण मिले हैं।
जवाब : नानइंसुलिन डिपेंडेड डायबिटीज 40 से 45 वर्ष में होती है। ऐसे में परहेज और इलाज की कारगर होगा। चीनी का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। कार्बोहाइड्रेड घटाने के लिए चावल से भी परहेज करें। चना, मक्का, ज्वार, बाजरा व गेहूं मिलाकर आटा तैयार कराएं, इसकी रोटी का सेवन करें तो फायदा होगा। रोज सुबह जरूर टहलें और समय-समय पर मधुमेह की जांच कराते रहें।
सवाल : एक सप्ताह से पेचिस हो रहा है, खून भी गिर रहा।
जवाब : पानी के संक्रमण के चलते आपको बेसिलरी डिसेंट्री है। घरेलू नुस्खे अपनाने की बजाए अस्पताल में दिखा लें तो ज्यादा बेतहर होगा।
सवाल : 10 दिनों से बलगम के साथ खांसी आ रही है।
जवाब : बलगम की जांच करा लें। टीबी भी हो सकता है। जांच में सकारात्मक लक्षण मिलने पर टीबी का इलाज कराएं। मुफ्त दवाइयों के साथ ही 500 रुपये प्रति माह मिलेगा।
सवाल : सोते समय पैर की नसें खिच जाती हैं, बहुत दर्द होता है।
जवाब : शरीर में विटामिन ई की कमी है। नजदीकी अस्पताल में दिखा लें। रोजाना 50 ग्राम अंकुरित चना, मूंग अथवा गेहूं खिलाएं। इससे विटामिन की कमी धीरे-धीरे दूर हो जाएगी।
सवाल : ठंड के दिनों में शरीर में भारीपन व हल्का बुखार महसूस होने लगता है।
जवाब : चिकित्सक को दिखाकर दवाई लें। खून की जांच करा लें। यदि सामान्य बुखार है तो दिन में तीन बार चार दिन तक पैरासिटामाल टैबलेट का सेवन करें। राहत मिल जाएगी।
सवाल : नशाखोरों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था है।
जवाब : तंबाकू और धूम्रपान से ग्रसित लोगों की काउसिलिग व दवा वितरण के लिए मुख्यालय स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय और चकिया संयुक्त अस्पताल में नशा उन्मूलन केंद्र स्थापित हैं। यहां काउंसिलिग करने के साथ ही निकोटेक्स समेत अन्य टैबलेट का वितरण किया जाता है।
सवाल : जिले में कितने नीम-हकीम सक्रिय हैं।
जवाब : शिकायत मिलने पर नीम-हकीम के खिलाफ कार्रवाई होती है। लोगों को स्वत: जागरूक होना होगा, तभी नीम-हकीम का धंधा बंद होगा। गत वर्ष 45 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
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वायु प्रदूषण से बचें
एसीएमओ ने कहा वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है। बाहर निकलने पर मुंह और नाक ढंककर रखें। 400 से अधिक एयर इंडेक्स वाले इलाकों में विशेष सावधानी जरूरी है। प्रदूषण से श्वांस की बीमारी का खतरा बना रहता है।
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इन्होंने पूछे सवाल
नारायणपुर के अंकित सिंह, नसीरपुर के दीपक प्रजापति, पारसनाथ पीडीडीयू नगर के शंकर चौधरी, बुद्धपुर के पिकू सिंह, नौगढ़ के आशीष, सकलडीहा के राजू, विजय नारायणपुर के मनीष सिंह सूर्यवंशी ने सवाल पूछे।