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हार, जीत का मिटा भेद, अड़ियों से निकला कौमी एकता का संदेश

अयोध्या रामजन्म भूमि मामले पर कोर्ट के फैसले का सभी को इंतजार था। शनिवार सुबह से ही दिल बेकरार था। निर्णय क्या आएगा किसकी तरफ जाएगा। मंदिर मस्जिद का अंतर समझने वालों के मस्तिष्क में कई तरह से सवाल कौंधते रहे मन को बेधते रहे। फैसले के के बाद का परि²श्य क्या होगा यह भी एक बड़ा प्रश्न था। सुबह के साथ ही गु

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 10:59 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 10:59 PM (IST)
हार, जीत का मिटा भेद, अड़ियों से निकला कौमी एकता का संदेश
हार, जीत का मिटा भेद, अड़ियों से निकला कौमी एकता का संदेश

जासं, पीडीडीयू नगर(चंदौली) : अयोध्या मामले पर कोर्ट के फैसले का सभी को इंतजार था। शनिवार सुबह से ही दिल बेकरार था। निर्णय क्या आएगा, किसकी तरफ जाएगा। मंदिर, मस्जिद का अंतर समझने वालों के मस्तिष्क में कई तरह से सवाल कौंधते रहे, मन को भेदते रहे। फैसले के बाद का परिदृश्य क्या होगा यह भी एक बड़ा प्रश्न था। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के वाहनों के हूटर और खाकी के बूटों की थाप से टूट रही थी। तो इसका जवाब मिला चाय पान की अड़ियों पर। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के साथ ही विवाद का निपटारा हुआ और जिज्ञासाओं का अंत भी। सबने खुले दिल से इसको सराहा।

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सुबह की शुरुआत बड़े प्रश्न के साथ हुई। वैसे तो फैसले को लेकर चाय पान के अड्डों पर कई दिनों से बतकही चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अधिक प्रशासनिक सक्रियता की चर्चा थी। शनिवार को क्या महिलाएं, युवा और वृद्ध सभी फुरसत में होकर टीवी से चिपक गए। न्यायालय से निकल कर आ रही खबरों का निहितार्थ निकाल उसे फैसले से जोड़ रहे थे। बहरहाल वह घड़ी भी आई जब पीठ का निर्णय आया और कौतूहल का अंत भी हो गया। हालांकि इन सबके बीच शौकीनों को चिता थी तो बस इस बात कि चाय और पान की दुकानों पर पहरा न लगा दिए जाए।


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