सीआरपीएफ सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल
दुलहीपुर स्थित सीआरपीएफ ने स्थापना दिवस मनाया। डीआईजी दर्शन लाल गोला ने कार्यक्रम की शुरूआत की। जवानों ने मार्च पास्ट कर सलामी दी। इस दौरान दुलहीपुर बटालियन के नौ जवानों को अति उत्कृष्ट और आठ जवानों को उत्कृष्ट कार्य के लिए नवाजा
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : दुलहीपुर स्थित सीआरपीएफ ने मंगलवार को स्थापना दिवस मनाया। डीआइजी दर्शन लाल गोला ने कार्यक्रम की शुरूआत की। जवानों ने मार्च पास्ट कर सलामी दी। बटालियन के नौ जवानों को अति उत्कृष्ट और आठ जवानों को उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार दिया गया। डीआईजी ने सीआरपीएफ जवानों को स्थापना दिवस के महत्व और गौरवमयी अतीत के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।
कहा कि सीआरपीएफ की स्थापना 27 जुलाई, 1939 में मध्य प्रदेश के नीमच में हुई थी। तब इसका नाम क्राउन रिप्रजेन्टेटिव पुलिस (सीआरपी) रखा गया था। भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने संसद में 28 दिसंबर 1949 को इसका नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल रखने का प्रस्ताव पारित करवाया था। जब इसकी स्थापना हुई थी, तब सिर्फ एक ही बटालियन थी। लेकिन, आज इसकी देश भर में 239 बटालियन है। यह विश्व का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है। यही नहीं अर्द्धसैनिक बल में महिला बटालियन का भी गौरव प्राप्त है। सीआरपीएफ के कंधे पर अशांत क्षेत्र जम्मू- कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रक्षा की जिम्मेदारी का भार है। कमांडेंट रामलखन राम सहित जवान उपस्थित थे।