शिक्षा के उजियारे पर कोरोना का अंधेरा..
कोरोना संक्रमण में स्कूली शिक्षा प्रभावित है। बच्चों और शिक्षकों को जोड़ने के लिए ऑनलाइन पठन-पाठन प्रक्रिया शुरू तो हो गई है लेकिन इस प्रक्रिया में दिव्यांग बच्चे पूरी तरह महरूम है। शासन और प्रशासन ने भी दिव्यांग बच्चों की शिक्षा पटरी पर लाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाए हैं। इसके चलते प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 14
जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : कोरोना संक्रमण में स्कूली शिक्षा प्रभावित है। बच्चों और शिक्षकों को जोड़ने के लिए ऑनलाइन पठन-पाठन प्रक्रिया शुरू तो हो गई है, लेकिन इस प्रक्रिया से दिव्यांग बच्चे पूरी तरह वंचित हैं। शासन, प्रशासन ने भी दिव्यांग बच्चों की शिक्षा पटरी पर लाने के लिए कदम नहीं उठाए हैं। इसके चलते प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 14 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों की शिक्षा पर कोरोना का अंधेरा छाया हुआ है।
लॉकडाउन लगने के बाद से अब तक स्कूलों में पठन-पाठन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। शासन के निर्देश पर सभी निजी और सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा शुरू कर बच्चों को जोड़ने के प्रयास किए गए हैं। जनपद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय सहित सभी सरकारी विद्यालयों के बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप पर जोड़ शिक्षक पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। कई महीनों से चल रहे इस प्रयास में सामान्य छात्र छात्राओं को समझने और शिक्षकों को उन्हें समझाने में तमाम दिक्कतें आ रही हैं। शिक्षा प्रक्रिया में शामिल होने में असमर्थ दिव्यांग बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से भी दूर हैं और उनके लिए कोई प्रक्रिया भी शुरू नहीं की जा सकी है। बेसिक शिक्षा विभाग भी दिव्यांग बच्चों को ग्रुप में जोड़कर पढ़ाने में असमर्थ है। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा में दिव्यांग का अलग से रिकॉर्ड नहीं बनाया है।