प्रथम राष्ट्रपति की मनाई जयंती
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की 135वीं जयंतीराष्ट्रीय मेधा दिवसके रूप में मनाई। सदस्यों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। गोष्ठी में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया और उनके बताए मार्गों पर चलने का संकल्प लिया गया। उनकी समाधि स्थल पर स्टैचू आफ नालेज बनाने की सरकार से मांग की।
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की 135वीं जयंती'राष्ट्रीय मेधा दिवस' के रूप में मनाई। सदस्यों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया और उनके बताए मार्गों पर चलने का संकल्प लिया। उनकी समाधि स्थल पर स्टैचू ऑफ नालेज बनाने की सरकार से मांग की।
वक्ताओं ने कहा आजादी के दिनों के तमाम बड़े नेता विदेश से पढ़कर भारत लौटे थे जबकि डा. राजेंद्र प्रसाद ने देश में ही उच्च शिक्षा पाई और अपने ज्ञान का लोहा मनवाया। वे अपनी सभी परीक्षाओं में सदा सर्वप्रथम रहे, यह उनकी शिक्षा और प्रतिभा की बहुमूल्य विशेषता थी। सभी उनकी योग्यता और विद्वता पर मुग्ध थे। वे ऐसे इकलौते परीक्षार्थी हुए जिनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर परीक्षक ने उनकी उत्तर पुस्तिका पर टिप्पणी की कि परीक्षार्थी परीक्षक से बेहतर है। अर्जुन लाल श्रीवास्तव, अक्षय सिन्हा, अभिषेक नारायण, बृजेन्द्र सिन्हा, राजीव श्रीवास्तव, सुनील वर्मा, प्रकाश सिन्हा, विशेषशील वंदे, शैलेंद्र श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।