डीजल इंजनों को बाय-बाय, बिजली से चलेंगी ट्रेनें
आने वाले दिनों में डीजल इंजन रेलवे का गौरवशाली इतिहास बनकर रह जाएंगे। इस ऐतिहासिक बदलाव की शुरूआत जंक्शन के डीजल लोको शेड से हो गई है। यहां इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत और रख-रखाव का काम विधिवत तौर पर शुरू करा दिया गया है। शेड से दुरुस्त होकर फर्राटा भरने को तैयार इलेक्ट्रिक इंजन डब्लूएजी 7/27211 ने महकमे की सफलता में नया अध्याय
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : आने वाले दिनों में रेलवे डीजल इंजन को बाय-बाय कर देगी। उनके स्थान पर इलेक्ट्रिक इंजन चलेंगे। इस बदलाव की शुरूआत जंक्शन के डीजल लोको शेड से हो गई है। यहां इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत का काम विधिवत शुरू हो गया है। शेड से दुरुस्त होकर फर्राटा भरने को तैयार इलेक्ट्रिक इंजन डब्लूएजी 7/27211 ने महकमे की सफलता में नया अध्याय जोड़ दिया। डीआरएम पंकज सक्सेना ने हरी झंडी दिखाकर इसे शेड से बाहर निकाला। रेल अधिकारी इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देख रहे।
डीजल लोको शेड मुगलसराय में 34 इलेक्ट्रिक इंजनों का पूर्ण रूप से रखरखाव शुरू कर दिया गया। शेड में डीजल इंजनों को दुरुस्त किया जाएगा। रेलवे धीरे-धीरे डीजल इंजनों का संचालन बंद कर रही है। लोको पायलटों को भी इलेक्ट्रिक इंजन परिचालन में दक्ष करने को प्रशिक्षित किया जा रहा। इसी कवायद के तहत मुगलसराय मंडल के डीजल लोको शेड में अब इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत और रखरखाव का कार्य शुरू किया गया है। यहां 34 इंजनों के कलपुर्जों की मरम्मत की जाएगी साथ ही बराबर निगरानी भी रखी जाएगी। डीआरएम ने कहा इस पहल से रेल के विकास में काफी मदद मिलेगी। इंजनों की समय पर मरम्मत हो सकेगी। धीरे-धीरे शेड में संसाधन और जरूरी उपकरण मुहैया करा दिए जाएंगे।