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पुल, पुलिया हो गई बेकार, नए की दरकार

शासन सड़कों को गड्ढामुक्त कर आवागमन को सुलभ बनाने में जुटी हुई है। करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नहर झाल नदी आदि पर बने पुल व पुलिया आवागमन की गणित बिगाड़ रहे हैं। कुछ की रेलिग क्षतिग्रस्त तो बहुतेरे ध्वस्त हो गए हैं। बेकार पुल पुलिया के स्थान पर नए की दरकार है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 05:16 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 05:16 PM (IST)
पुल, पुलिया हो गई बेकार, नए की दरकार
पुल, पुलिया हो गई बेकार, नए की दरकार

जासं, चकिया (चंदौली) : सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त कर आवागमन को सुलभ बनाने में जुटी है। करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे। इसके बावजूद गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नहर, झाल, नदी आदि पर बने पुल व पुलिया आवागमन की गणित बिगाड़ रहे। कुछ की रेलिग क्षतिग्रस्त तो बहुतेरी ध्वस्त हो गई हैं। बेकार पुल, पुलिया के स्थान पर नए की दरकार है। जिम्मेदार अधिकारियों के ध्यान नहीं होने से जनता को आवागमन में मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं।

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जिला पिछड़ापन का दंश झेल रहा है। सरकार के प्रयासों के बाद भी आवागमन की व्यवस्था सुचारु नहीं हो पा रही। पुल व पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से भारी वाहनों का परिचालन ठप है। पचवनियां, मनकपड़ा, मालदह, डूही-सूही, बोदारा कला आदि गांव के समीप नहर, माइनर पर बनी पुलिया की रेलिग क्षतिग्रस्त है। कर्मनाशा नदी पर शहाबगंज ब्लाक मुख्यालय के पास कर्मनाशा नदी का पुल जर्जर हो गया है। इससे अक्सर जाम तो लगता ही है, पुल से गुजरने वाले साइकिल व बाइक सवार आए दिन घायल हो रहे हैं। भीषमपुर, बियासड़ व लालपुर गांव के समीप बनी पुलिया महीनों से ध्वस्त है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रही रहती है। पुलिया से गुजरने वाले लोग जान हथेली पर लेकर चलते हैं। रात में मरीजों को होती है परेशानी

बड़ी समस्या उस समय खड़ी होती है जब रात में कोई बीमार पड़ जाता है। रिक्शा टाली या चार पहिया वाहन से दोगुनी दूरी तय कर अस्पताल पहुंचना पड़ता है। गर्भवती महिलाएं, स्कूली बच्चों को परेशानी होती है। पुलिया ध्वस्त होने से न तो एंबुलेंस गांव में पहुंच पाती और ना ही स्कूली वाहन। इससे लोगों को अधिक खर्च उठाना पड़ता है। सहालग के समय बरात की गाड़ियां भी गांव से दूर ही मुख्य मार्ग पर खड़ी हो जाती हैं।

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- अधिकारी व जनप्रतिनिधि नहीं ले रहे रुचि

प्रशासन के रुचि न लेने से ग्रामीण हताश हैं। दरअसल, आवागमन की व्यवस्था सुचारू होने से ही विकास की गाड़ी रफ्तार पकड़ती है। बावजूद इसके वह उदासीन रवैया अपनाए हुए है। बेचन मिश्र, चंद्रशेखर पांडेय, शिवपूजन यादव, मनोज जायसवाल, विनोद सिंह, इबरार अली, राजबंश चौहान, दुक्खी प्रसाद, अनिल मिश्र, बृजेश गुप्ता ने बताया समस्या को लेकर संपूर्ण समाधान दिवस सहित विभागीय अफसरों को शिकायती पत्र दिया गया लेकिन महीने बीत जाने के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो सका।

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वर्जन..

Xह्नह्वश्रह्ल;आवागमन की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन संजीदा है। संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर समस्या का निदान कराने का प्रयास किया जाएगा। ताकि लोगों के आवागमन में कोई परेशानी न हो सके।

- सीपू गिरि, उप जिलाधिकारी।


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