Move to Jagran APP

दूसरे दिन पूजी गई ज्ञान व वैराग्य की देवी ब्रह्मचारिणी

नवरात्र - चैत्र माह में घर-घर सजा है मां का दरबार मंदिरों में भी दर्शन-पूजन - हाथों म

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 05:03 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:03 PM (IST)
दूसरे दिन पूजी गई ज्ञान व वैराग्य की देवी ब्रह्मचारिणी
दूसरे दिन पूजी गई ज्ञान व वैराग्य की देवी ब्रह्मचारिणी

नवरात्र :

loksabha election banner

- चैत्र माह में घर-घर सजा है मां का दरबार, मंदिरों में भी दर्शन-पूजन

- हाथों में नारियल-चुनरी लेकर लोग पहुंचे मां के दरबार

- मां की आराधना कर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को ज्ञान और वैराग्य की देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना की गई। घर-घर कलश स्थापना कर भक्तों ने माता का दरबार सजा रखा है। वहीं मंदिरों में भी दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी है। हालांकि कोरोना के मद्देनजर धार्मिक स्थलों पर सतर्कता बढ़ी दी गई है। एक साथ मात्र पांच लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही। हालांकि इससे लोगों का उत्साह कम नहीं हो रहा। लोगों ने लाइन में लगकर एक-एक कर प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन-पूजन किया।

पिछले साल वासंतिक नवरात्र के दौरान लाकडाउन के चलते रौकन फीकी थी। मंदिरों में ताला लटक गया था। वहीं बाजार भी बंद रहे। इससे सूना-सूना लग रहा था। हालांकि इस बार भक्तों को चैत्र नवरात्र में रौकन दिख रही है। लोगों ने घरों में बाकायदा कलश स्थापना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। मंगलवार को नवरात्र के दूसरे दिन सुबह से ही लोग नहा-धोकर मां की आराधना में जुट गए। घर के साथ ही मंदिरों में जाकर मां के सामने शीश नवाया। देवी मंदिरों में माता रानी ब्रह्मचारिणी के स्वरूप का अभिषेक कर आरती की गई। हाथों में नारियल और चुनरी चढ़ाने के लिए सुबह और शाम को लोग मंदिरों में पहुंचे। इस दौरान मंदिरों के सामने लोगों की कतार देखने को मिली। नगर के धर्मशाला रोड स्थित दुर्गा मंदिर, लाबशा कटरा स्थित दुर्गा मंदिर, जीटी रोड स्थित काली मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालु उमड़े। नवरात्र को देखते हुए मंदिरों के आसपास पूजन सामग्री की दुकानें भी सजाई गई थीं। श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री लेकर मंदिरों में विधिविधान से मां की आराधना की। पंडित सुरेंद्रनाथ तिवारी ने बताया कि ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। इससे ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-उपासना की जाती है। मां ने भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी। इस कठिन तपस्या के कारण उनको तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से जाना जाता है। नवरात्र के दूसरे दिन मां के इसी स्वरूप की आराधना की जाती है। इससे ज्ञान की प्राप्ति होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.