Move to Jagran APP

अष्टधातु का शंख, वन विभाग के फर्जी पास के साथ तीन जालसाज गिरफ्तार

नियामताबाद (चंदौली) अलीनगर पुलिस ने बुधवार की रात सैयदराजा क्षेत्र के बरठी कमरौर गांव से तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 04:59 PM (IST)
अष्टधातु का शंख, वन विभाग के फर्जी पास के साथ तीन जालसाज गिरफ्तार
अष्टधातु का शंख, वन विभाग के फर्जी पास के साथ तीन जालसाज गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नियामताबाद, (चंदौली) : अलीनगर पुलिस ने बुधवार की रात सैयदराजा क्षेत्र के बरठी कमरौर गांव से तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया। उनके पास से अष्टधातु का एक कीमती शंख, गाड़ियों को पास कराने के लिए वन विभाग के फर्जी पास, लैपटाप, प्रिटर, माउस, मोबाइल फोन, 6500 रुपये नकद समेत अन्य उपकरण बरामद किए गए। शातिर जालसाज फर्जी दफ्तर चला रहे थे। इसके जरिए सरकार को लाखों रुपये राजस्व का चूना लगा रहे थे। पुलिस ने पूछताछ के बाद सभी का विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया।

loksabha election banner

एसएचओ संतोष कुमार सिंह ने बताया वन दारोगा संजय कुमार ने पिछले दिन एक ट्रक की जांच की थी तो चालक ने वन विभाग का अभिवहन पास व रसीद दिखाई। जांच में वे अभिलेख जाली निकले। इस पर वन दारोगा ने अलीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आशंका जताई थी कि सैयदराजा थाना क्षेत्र में कहीं फर्जी अभिलेख बनाए जा रहे हैं। इस पर पुलिस अलर्ट हो गई और सैयदराजा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में छापेमारी की गई। पुलिस ने बरठी-कमरौर निवासी गुरफान खां, परेवां के पवन गुप्ता और नौबतपुर के इरफान शाह को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की निशानदेही पर पुलिस ने अष्टधातु का एक कीमती शंख, तीन लैपटाप, तीन की-बोर्ड, माउस, प्रिटर, लेमीनेशन मशीन, फिगर प्रिटर स्कैनर, पेन ड्राइव, चिप रीडर, दो डेटा केबल, सात फर्जी डाइविग लाइसेंस, सात प्रमाण पत्र, 34 ई-चालान, एक सीड्यूल-सी बुक, अभिवहन पासबुक, चार मुहर, दो इंक पैड, चार मोबाइल और फर्जी दस्तावेज से कमाए गए 6500 रुपये बरामद किए। आरोपितों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि 2019 में ही अष्टधातु का बेशकीमती शंख पीडीडीयू नगर से चोरी किया था। इसे बेचने की फिराक में थे। वे सभी बिहार प्रांत से लकड़ी और कोयला लादकर आने वाले ट्रकों के लिए वन विभाग का फर्जी अभिवाहन पास बनाते थे। इसे वाट्सएप के जरिए चालकों को भेज देते थे। इसके बदले प्रति पास 300 रुपये मिलते थे। बुधवार की रात भी पवन गुप्ता की दुकान में बैठकर फर्जी अभिलेख बनाने की साजिश रच रहे थे। बताया कि ट्रकों के ई-चालान व रसीद भी स्कैन कर कंप्यूटर में एडिट कर दिन और तिथि बदलकर चालकों को उपलब्ध कराते थे। इसके बदले अच्छी-खासी कमाई हो रही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.