कर्मनाशा का इलाका बन रहा शराब तस्करी का गढ़
कर्मनाशा नदी का तटवर्ती इलाका शराब तस्करी का गढ़ बनता जा रहा। तस्कर इस धंधे को बखूबी अंजाम दे रहे। आए दिन पुलिस कहीं न कहीं शराब मादक पदार्थ आदि की बरामदगी कर रही। धड़ाधड़ तस्कर भी पकड़े जा रहे लेकिन इस खेल में वे इतने सक्रिय कि कभी इस रास्ते तो कभी उस रास्ते तस्करी के धंधे को अंजाम दे रहे। हाल यह कि पुलिस डाल डाल तो तस्कर पात पात चल रहे। दिन हो या रात शराब की खेप बिहार ढोई जा रही। बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी में कहीं
जासं, बरहनी (चंदौली) : कर्मनाशा नदी का तटवर्ती इलाका शराब तस्करी का गढ़ बनता जा रहा। तस्कर इस धंधे को बखूबी अंजाम दे रहे। आए दिन पुलिस कहीं न कहीं शराब, मादक पदार्थ आदि की बरामदगी कर रही। धड़ाधड़ तस्कर भी पकड़े जा रहे लेकिन इस खेल में वे इतने सक्रिय कि कभी इस रास्ते तो कभी उस रास्ते तस्करी के धंधे को अंजाम दे रहे।
हाल यह कि पुलिस डाल डाल तो तस्कर पात पात चल रहे। दिन हो या रात शराब की खेप बिहार ढोई जा रही। बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी में कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। स्थानीय लोगों की मानें तो तस्करों की सांठ-गांठ धरपकड़ करने वाले अधिकारियों से है। यहां जैसे ही शराब की खेप पहुंचती है कर्मनाशा नदी पार होने तक पूरी लोकेशन दलाल देते रहते हैं। जो पकड़ा जा रहा वह सिस्टम से अलग होते हैं। वीआइपी गाड़ियां, मैजिक पिकअप, बाइक से यूपी के ठेकों से बिहार के कई शहरों तक शराब की खेप पहुंचाई जा रही। त्योहार, मेले या अन्य पर्वों की बंदी होने पर पहले से ही तस्कर शराब गोदामों में भर लेते हैं, बंदी के दिन शराब की खेप गंतव्य तक पहुंचा दी जाती है। इस समय क्षेत्र में गांव की कुछ दुकानों से भी शराब धड़ल्ले से बिक रही। सीओ सकलडीहा प्रदीप सिंह चंदेल ने कहा कर्मनाशा नदी के तटवर्ती इलाके में पुलिस की पैनी नजर है। तस्करों की धरपकड़ जारी है। इसके लिए बाकायदा अभियान चल रहा।