आवेदन की त्रुटि होगी दुरूस्त, मिलेगा सम्मान निधि का लाभ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को भी योजना का लाभ मिलने की उम्मीद जग गई है। शासन के निर्देश पर सम्मान निधि के आवेदन की गड़बड़ियों को दूर करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। कर्मचारी किसानों के मोबाइल नंबर पर फोन कर आधार समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों की छाया प्रति मंगवाएंगे।
जागरण संवाददाता, चंदौली : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों को भी योजना का लाभ मिलने की उम्मीद जग गई है। शासन के निर्देश पर सम्मान निधि के आवेदन की गड़बड़ियों को दूर करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। कर्मचारी किसानों के मोबाइल नंबर पर फोन कर आधार समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों की छाया प्रति मंगवाएंगे। वहीं जिन किसानों का नंबर नहीं होगा, राजस्वकर्मी गांव में जाकर उनकी सूचनाएं इकट्ठा करेंगे। ताकि आवेदनों की त्रुटियों को दूर कर शासन को डाटा भेजा जा सके। इसके बाद बैंक खाते में किश्त पहुंचेगी।
कृषि प्रधान जनपद में किसान सम्मान निधि के लिए करीब दो लाख 10 हजार किसानों ने आवेदन किया। इसमें तकरीबन 1.80 लाख किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है। जबकि शेष किसान आवेदन में त्रुटि होने के चलते लाभ से वंचित हैं। किसी के आवेदन में आधार नंबर की गलती है तो किसी का नाम गलत है। कुछ लोगों के बैंक खातों में भी गड़बड़ी है। इसके चलते अभी तक एक भी किश्त उनके खाते में नहीं पहुंच सकी। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने आवेदन करने वाले शत-प्रतिशत किसानों के खाते में धनराशि भेजने की योजना बनाई है। प्रमुख सचिव कृषि ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आवेदन की त्रुटियों को जल्द संशोधित कराने का निर्देश दिया है। डीएम नवनीत सिंह चहल के निर्देश पर कृषि उपनिदेशक कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। इसका नंबर 9120246269 है। इसके अलावा 12 प्राविधिक सहायक व कंप्यूटर आपरेटर की ड्यूटी लगाई गई है। कर्मचारी आवेदन पत्र में दर्ज किसानों का फोन नंबर ढूंढ़कर उनसे संपर्क करेंगे। उन्हें आवेदन की त्रुटियों के बारे में जानकारी देने के साथ ही व्हाट्सएप पर जरूरी दस्तावेजों की छाया प्रति मंगाएंगे। जिन किसानों के नंबर मौजूद नहीं होंगे, उनसे राजस्व कर्मियों की टीम गांवों में जाकर संपर्क करेगी। कृषि उपनिदेशक अमित जायसवाल ने बताया किसान सम्मान निधि आवेदन की त्रुटियों को दूर करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कर्मी किसानों से संपर्क कर जरूरी दस्तावेज मंगाएंगे। साथ ही संशोधित डाटा शासन को भेजा जाएगा। ताकि किसानों के खाते में धनराशि पहुंच सके।