Move to Jagran APP

थाना परिसर में ही बांधे जा रहे पशु

पशुओं को गोशाला संचालकों द्वारा। लेने से इंकार करने पर इन दिनों थाना परिसर गौशाला में तब्दील हो गया है। पुलिसकर्मी पशुओं की सेवा करने से नहीं चूक रहे है। थाना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से होकर पशु तस्कर वध हेतु बिहार ले जातें हैं।कुछ मामलों में पुलिस सक्रियता दिखाते हुए पशु तस्करों के चंगुल से पशुओं को छुड़ा लेती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 06:33 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 06:33 PM (IST)
थाना परिसर में ही बांधे जा रहे पशु
थाना परिसर में ही बांधे जा रहे पशु

फोटो 3

loksabha election banner

जासं, इलिया (चंदौली): इन दिनों थाना परिसर गौशाला में तब्दील हो गया है। पशुओं को गोशाला संचालकों ने लेने से इंकार कर दिया है। ऐसे में पुलिस की समस्या बढ़ गई है। हालांकि पुलिसकर्मी पशुओं की सेवा करने से नहीं चूक रहे। थाना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से होकर तस्कर पशुओं को वध हेतु बिहार ले जाते हैं। कुछ मामलों में पुलिस सक्रियता दिखाते हुए पशु तस्करों के चंगुल से पशुओं को छुड़ा लेती है। लेकिन तस्करों के चंगुल से मुक्त हुए पशुओं को रखने की विकट समस्या उत्पन्न हो जा रही है। बिहार सीमा का थाना होने की वजह से यहां पशु तस्करों की धरपकड़ ज्यादा ही होती रहती है। जाहिर है पशुओं की बरामदगी भी उसी अनुपात में होती है। लेकिन बरामद पशुओं को कहां रखा जाए यह यक्ष प्रश्न बना बनता जा रहा। यही हाल स्थानीय थाने पर पकड़े गए दर्जनों पशुओं का है। जो गौशाला के अभाव में थाना परिसर में बांधे गए हैं। पुलिसकर्मी उन्हें चारा पानी की व्यवस्था करा रहे हैं। थाना प्रभारी मिथिलेश तिवारी ने बताया कि पकड़े गए पशुओं की सुधि लेने वाली एक भी गौशाला नहीं है। ऐसी स्थिति में इन पशुओं को कहां छोड़ा जाएगा। थाना परिसर में ही चारा पानी की व्यवस्था की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.