पशु सेवा केंद्र जर्जर, नहीं हो पा रहा बेजुबानों का इलाज
पशुधन विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैये का खामियाजा पशुपालक
जागरण संवाददाता, इलिया (चंदौली) : पशुधन विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैये का खामियाजा पशुपालकों को भुगतना पड़ रहा है। न उन्हें किसी योजना का लाभ मिल रहा है न ही सेवा केंद्र पर बेजुबानों का इलाज हो रहा है। यहां बात हो रही है सैदूपुर गांव स्थित पशु सेवा केन्द्र की। आलम यह कि भवन इतना जर्जर हो गया है कि नियुक्त कर्मचारी यहां रहना मुनासिब नहीं समझते हैं। इसके चलते पालकों को पशुओं का समय से इलाज कराने के साथ ही दवा आदि के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सैदूपुर गांव में लाखों रुपये की लागत से पशु सेवा केन्द्र बना। मकसद था आसपास के दर्जनों गांवों के पालकों को पशुओं का इलाज कराने में काफी हद तक सहूलियत मिलेगी। उक्त केन्द्र से मनकपड़ा, बरहुआ, सरैया, उसरी, शाहपुर व पालपुर सहित दर्जनों गांव जुड़े हैं। एक साल तक बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं मिलीं। उसके बाद से सेवा केंद्र पर कर्मचारियों ने आना ही बंद कर दिया। पशुपालक मुन्ना, राजेंद्र प्रसाद व कपिलदेव आदि बताते हैं कि केंद्र पर पशुधन प्रसार अधिकारी आते तो जरूर हैं, लेकिन भवन जर्जर होने से ज्यादा देर तक बैठना मुनासिब नहीं समझते। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर एसपी पांडेय ने कहा भवन जर्जर होने की सूचना है, सैदूपुर व अन्य स्थानों पर भवन मरम्मत को शासन से बजट गया है।