जागरण संवाददाता, चंदौली : कृषि उपनिदेशक राजीव भारती ने शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में मातहतों संग बैठक की। इसमें फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर रणनीति बनी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को राजस्व विभाग के कर्मियों संग समन्वय स्थापित कर निगरानी करने के निर्देश दिए। वहीं पराली जलाने वाले किसानों को चिह्नित कर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ने का खतरा है। ऐसे में शासन स्तर से पराली न जलने देने का निर्देश है। कृषि, राजस्व व ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों की टास्क फोर्स बनेगी। अधिकारी-कर्मचारी गांव-गांव निगरानी करेंगे। साथ ही किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करेंगे। बताया कि फसल अवशेष को खेत में सड़ाने से तमाम तरह के फायदे हैं। जबकि पराली जलाने से किसानों को नुकसान के अलावा और कुछ हासिल नहीं होगा। जमीन में मौजूद जैविक तत्वों की मात्रा खत्म होती है। सूक्ष्म जीवों के मरने से मिट्टी की उर्वरता घटती है। वहीं धीरे-धीरे जमीन जर्जर हो जाएगी। वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित होगा। इसलिए किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें। शासन की गाइडलाइन की अनदेखी करने वाले किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अवर अभियंता मान सिंह, सूरश्याम सिंह व अन्य मौजूद थे।
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