जिले में 8217 अपात्र, आवास प्लस सूची से कटा नाम
जागरण संवाददाता चंदौली आवास प्लस सूची में नाम शामिल होने पर प्रधानमंत्री आवास योजना ।
जागरण संवाददाता, चंदौली : आवास प्लस सूची में नाम शामिल होने पर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दावा करने वाले 8217 अपात्र पाए गए। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने पात्रता का सत्यापन कराया, तो हकीकत सामने आई। अपात्रों के पास पक्का मकान व अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। ऐसे में उनका नाम सूची से काट दिया गया है। विभाग अब शासन को रिपोर्ट भेजने की तैयारी में है।
केंद्र सरकार ने बेघरों को आशियाना मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है। इसके तहत लाभार्थियों के खाते में तीन किस्तों में 1.30 लाख रुपये धनराशि भेजी जाती है लेकिन योजना के तहत अपात्रों का भी चयन कर लिया गया। अपात्र सरकार का पैसा हजम कर गए। ऐसे में शासन सख्त हो गया है। अपर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने परियोजना निदेशक को पत्र भेजकर आवास प्लस सूची में शामिल पात्रों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। विभाग ने अधिकारियों की टीम गठित कर पड़ताल कराई, तो 8217 अपात्र मिले। आवास प्लस सूची में जिले में 30 हजार 260 लोगों का नाम शामिल था। सत्यापन के बाद जिले में 22043 पात्र पाए गए हैं। विभाग जल्द ही शासन को रिपोर्ट भेजेगा। शासन से धनराशि आवंटित होने के बाद पात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा।
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जद में अधिकारी-कर्मचारी
शासन ने प्रधानमंत्री आवास के लिए अपात्रों के चयन के लिए बीडीओ, एडीओ पंचायत व ग्राम पंचायत सचिवों की जवाबदेही तय की है। डाटा फीडिग के लिए सचिवों को बाकायदा आइडी उपलब्ध कराई गई है। अपनी आइडी से ही सचिव प्रधानमंत्री आवास के लिए चयनित पात्रों का डाटा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। एडीओ पंचायत व बीडीओ इसका सत्यापन करेंगे। ऐसे में यदि कोई अपात्र पाया जाता है तो संबंधित सचिव की आइडी से उसे चिह्नित कर लिया जाएगा। सचिव के साथ ही डाटा को सत्यापित करने वाले एडीओ पंचायत और बीडीओ भी लपेटे में आ जाएंगे।
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वर्जन :
' शासन के निर्देश पर प्रधानमंत्री आवास के लिए आवास प्लस सूची में शामिल पात्रों का सत्यापन कराया गया। जिले में 8217 अपात्र पाए गए हैं। इनका नाम आवास प्लस सूची से हटा दिया गया है। शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। अपात्रों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। धांधली करने वाले अफसर-कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।
सुशील कुमार, परियोजना निदेशक, डीआरडीए