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छह माह में 25 हजार के बने राशन कार्ड

कोरोना लाकडाउन में रोजी-रोजगार ठप हुआ तो सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली गरीबों के लिए मददगार बनी। हर माह अनाज मिलने से भूखे पेट नहीं सोना पड़ा। वर्तमान में भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वंचितों का राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया जारी है। जिले में पिछले छह माह में करीब 25 हजार लोगों के नए राशन कार्ड बनवाए गए हैं। आवेदन करने वालों का पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बनवाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 06:48 PM (IST)
छह माह में 25 हजार के बने राशन कार्ड

जागरण संवाददाता, चंदौली : कोरोना लाकडाउन में रोजी-रोजगार ठप हुआ तो सार्वजनिक खाद्यान्न वितरण प्रणाली गरीबों के लिए मददगार बनी। हर माह अनाज मिलने से भूखे पेट नहीं सोना पड़ा। वर्तमान में भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वंचितों का राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया जारी है। जिले में पिछले छह माह में करीब 25 हजार लोगों के नए राशन कार्ड बनवाए गए हैं। आवेदन करने वालों का पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बनवाया जा रहा है।

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22 लाख आबादी वाले जिले में दो लाख से अधिक राशन कार्ड बनवाए गए हैं। इसमें 53 हजार अंत्योदय कार्डधारक हैं जबकि शेष का पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बना है। कार्डधारकों को माह में दो बार 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल दो से तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वितरित किया जाता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली से गरीब कार्डधारकों को काफी सहूलियत हो रही है। उन्हें दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ रही। प्रदेश सरकार ने कुपोषण से निजात के लिए कार्डधारकों को पौष्टिकता से भरपूर फोर्टीफाइड चावल के वितरण की योजना बनाई है। इसमें फोलिक एसिड व विटामिन की मात्रा मौजूद है। फिलहाल जिले के तीन ब्लाकों में वितरण शुरू कराया गया है। फरवरी से शत-प्रतिशत कार्डधारकों को फोर्टीफाइड चावल मिलने लगेगा। अभी भी पात्र होने के बावजूद राशन कार्ड न बनाए जाने की शिकायतें उच्चाधिकारियों तक पहुंचती रहती हैं। आपूर्ति विभाग ने इसको गंभीरता से लिया है। अनलाक में अभी तक 25 हजार लोगों के पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बनवाए गए हैं। प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। आवेदन करने वालों का सत्यापन कर पात्र गृहस्थी का लाभ दिया जाएगा।

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सत्यापन में अपात्र होंगे बाहर

जिले में काफी संख्या में अपात्र अंत्योदय का लाभ ले रहे हैं। जिला प्रशासन ऐसे लोगों को भी चिह्नित कर रहा है। उनका नाम अंत्योदय सूची से बाहर किया जाएगा। जबकि पात्रों के नाम सूची में शामिल किए जाएंगे।

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' पात्रों के राशन कार्ड बनवाए जा रहे हैं। आवेदन पत्रों की जांच व सत्यापन के बाद पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बनाए जाते हैं। अपात्रों पर भी विभाग की नजर है। उनका नाम सूची से बाहर किया जाएगा।

देवेंद्र प्रताप सिंह, जिलापूर्ति अधिकारी


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