19 हजार किसानों का विभाग कराएगा जांच
जागरण संवाददाता चंदौली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत जिले के 19 हजार कि
जागरण संवाददाता, चंदौली : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत जिले के 19 हजार किसान संदेह के घेरे में हैं। सम्मान निधि की किस्त रुकने के बावजूद आधार संबंधी त्रुटि दूर नहीं कराई। कृषि विभाग ऐसे किसानों की जांच कराएगा। यदि अपात्र पाए गए, तो उनसे धनराशि की रिकवरी की जाएगी। अपात्रों का डाटा पोर्टल से डिलीट किया जाएगा।
कृषि प्रधान जनपद में वर्तमान में 2.2 लाख किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। वहीं 19 हजार से अधिक किसानों के आवेदन में आधार संबंधी त्रुटियां हैं। उनके खाते में एक-दो किस्त गई, लेकिन बाद में गड़बड़ी सामने आने पर भुगतान रुक गया। शासन ने आवेदन की गड़बड़ी दूर करने के लिए विशेष शिविर लगाने का निर्देश दिया था। इसके अनुपालन में जिले के सभी नौ ब्लाकों में एक से तीन फरवरी तक कैंप लगाया गया था। ब्लाकों में विशेष तौर पर कंप्यूटर आपरेटर नियुक्त किए गए थे। इसके अलावा नोडल अधिकारी भी बनाए गए थे, लेकिन इसका कोई खास लाभ नहीं मिला। शिविर में आवेदन दुरूस्त कराने के लिए इक्का-दुक्का किसान ही पहुंचे। इनसे अधिक तो नए आवेदनकर्ताओं की भीड़ रही। कैंप में लगभग 2300 आवेदन आए। इसमें 667 किसान ही सम्मान निधि की गड़बड़ी दूर करने के लिए थे जबकि शेष किसानों ने नया आवेदन किया। विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से 350 से अधिक किसानों की गड़बड़ी दूर भी कर दी। उनके खाते में अब किस्त पहुंचेगी। हालांकि शिविर में न आने वाले योजना के लाभ से वंचित किसान अब संदेह के दायरे में आ गए हैं। विभाग उनकी पड़ताल शुरू कराएगा।
---------------------------------
प्राविधिक सहायकों को सौंपी गई जिम्मेदारी
विभाग ने सम्मान निधि के आवेदन में गड़बड़ी वाले किसानों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी प्राविधिक सहायकों को दी है। उन्हें किसानों का डाटा मुहैया कराया गया है। इसके अनुसार गांवों में किसानों को चिह्नित करेंगे। वहीं यदि अपात्र पाए गए तो उनके खाते में सम्मान निधि की जितनी किस्तें गई हैं, उसकी रिकवरी की जाएगी। इसके बाद पोर्टल से डाटा डिलीट किया जाएगा।
------
' सम्मान निधि के आवेदन की गड़बड़ी दूर करने के लिए तीन दिवसीय अभियान चलाया गया था लेकिन काफी कम किसान शिविर में पहुंचे। शेष किसानों की पड़ताल कराई जा रही है।
राजीव भारती, उपनिदेशक, कृषि