पराली जलाने पर 14 किसानों पर मुकदमा, 27 हजार जुर्माना
जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा। हार्वेस्टर से धान की कटाई कराने के बाद खेतों में पराली जलाने पर आए दिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जा रहे।
जासं, चंदौली : जिला प्रशासन की सख्ती के बावजूद पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा। हार्वेस्टर से धान की कटाई कराने के बाद खेतों में पराली जलाने पर आए दिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जा रहे। शनिवार को जिले में 14 किसानों पर मुकदमा दर्ज कराया गया। वहीं 27 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। कार्रवाई से खलबली मची है।
पराली के चलते दिल्ली-एनसीआर में पर्यावरण प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई। इसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने खेत में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। न्यायालय के फरमान के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आ गया। किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया गया। लेकिन खेतों में पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा। धान के कटोरे में रोजाना किसान कहीं न कहीं पराली जला रहे। शनिवार को 14 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। सदर तहसील के अरंगी गांव के किसान संतोष कुमार, विजयशंकर, अजय शंकर, जयप्रकाश, अजय कुमार, कम्हरियां के रामाश्रय यादव, पई कुशी के अमरजीत, हीरामनी, लालबहादुर, अरविद, सोबरन और शहाबगंज थाना क्षेत्र के तियरा गांव के किसान मिठाईलाल, हरीपुर के सुरेंद्र सिंह और शशि किरन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। वहीं 27 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। सदर एसडीएम हीरालाल ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन न करने पर किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न जमा करने पर किसानों के खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी। पराली न जलाने के भरोसे पर हार्वेस्टर से करें कटाई
एसडीएम हीरालाल ने कहा खेत में पराली न जलाने का भरोसा दिलाने पर किसान हार्वेस्टर से धान की कटाई कर सकते हैं। हार्वेस्टर पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन पराली जलाने की वजह से बिना रीपर के हार्वेस्टर को सीज कर दिया गया।