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घर-घर चली जांच में मिले 134 टीबी रोगी

स्वास्थ्य विभाग की 145 टीमों ने 144 गांवों में चार लोगों की स्क्रीनिग की अभियान - - मरीजों का होगा मुफ्त इलाज पोषण सहायता के रूप में मिलेंगे पांच सौ - टीबी हारेगा देश जीतेगा के तहत दो चरणों में चला विभाग का अभियान

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 06:55 PM (IST)
घर-घर चली जांच में मिले 134 टीबी रोगी
घर-घर चली जांच में मिले 134 टीबी रोगी

जागरण संवाददाता, चंदौली : टीबी हारेगा देश जीतेगा विशेष अभियान के तहत घर-घर चले जांच अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 134 टीबी मरीज चिन्हित किए। 145 टीमों ने 144 गांवों में चार लाख 685 लोगों की स्क्रीनिग की है।

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जिले में पहला जांच अभियान 25 दिसंबर से एक जनवरी और दूसरा चरण दो से 12 जनवरी तक चला। इसमें 144 गांवों में घर-घर एक-एक व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच के साथ उनसे उनके रोगों के बारे में पूछताछ की गई। अभियान में 1592 संभावित टीबी रोगी मिले। इनके बलगम की जांच के बाद 134 टीबी के मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग इनके उपचार के साथ पोषण सहायता के रूप में पांच सौ रुपये देगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर आरके मिश्र ने कहा सर्दी के मौसम में जुकाम खांसी, बुखार, कोल्ड डायरिया ज्यादा होता है। इनसे बचने को खुद की इम्यूनिटी मजबूत करें। स्वस्थ और सुपाच्य भोजन लें। खांसी जुकाम, बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लें।

जिला क्षय रोग अधिकारी डाक्टर डीएन मिश्र ने कहा टीबी असाध्य बीमारी नहीं है। जागरूकता के अभाव में लोग घबरा जाते हैं। इलाज कराने से रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है। खांसी के साथ खून आना, शाम को बुखार चढ़ना, सीने में दर्द, भूख न लगना और वजन घटना टीबी का लक्षण हो सकता हैं। छोटे बच्चों का बढ़ाव रुकना, चिड़चिड़ा हो जाना भी टीबी के टीबी के लक्षण हैं। दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, खांसी में खून आना, भूख न लगने के साथ ही वजन कम होना फेफड़े की टीबी हो सकती है। कहा हड्डी की टीबी है तो उस हड्डी में या उसके पास दर्द होगा। गिल्टी की टीबी है तो वहां ग्लैंड (ग्रंथी) बढ़ जाएगा। ऐसे में इसकी जांच कराएं, सरकारी अस्पतालों में हर तरह की जांच मुफ्त में होती है। कैसे बढ़ाएं इम्यूनिटी टीबी से बचाव को अपनी इम्युनिटी को अच्छा रखें। इसके लिए विटामिन से भरपूर खासकर प्रोटीन से भरपूर भोजन (सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि) लेना चाहिए। कमजोर इम्युनिटी से टीबी के वैक्टीरिया ज्यादा प्रभावी होते हैं। कई बार अच्छे इम्यूनिटी वाले शरीर में टीबी के वैक्टीरिया होता है। अच्छी इम्युनिटी उन्हें प्रभावित नहीं कर पाती और टीबी स्वत: समाप्त हो जाती है। टीबी के मरीज भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें

टीबी के मरीजों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। गंदगी, कूड़ा करकट, धूल-धक्कड़ आदि से भी दूर रहें। मरीज को हर समय मास्क पहनने की आदत डालनी चाहिए। मास्क नहीं है तो हर बार खांसने या छींकने के समय साफ कपड़ा मुंह पर जरूर लगाएं। मरीज यहां-वहां न थूकें ताकि अन्य लोग इससे प्रभावित न हों।


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