बुलंदशहर में संदिग्ध परिस्थिति में युवक की मौत, स्वजन ने पुलिस पर लगाए आरोप, जानें-पूरा मामला
बुलंदशहर में एक युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतक के स्वजन ने पुलिस कस्टडी में मौत का आरोप लगाया है। साथ ही शव का अंतिम संस्कार भी कुछ लोगों के साथ मिलकर करने की बात कही है। एसपी मामले की जांच करने में जुटे।
बुलंदशहर, जेएनएन। बुलंदशहर जिले में कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतक के स्वजन ने पुलिस कस्टडी में मौत का आरोप लगाया है। साथ ही शव का अंतिम संस्कार भी कुछ लोगों के साथ मिलकर करने की बात कही है। उधर पुलिस युवक को गुरुवार शाम ही स्वजन के सुपुर्द करने की बात कह रही है। हालांकि अभी मृतक के स्वजनों ने पुलिस को तहरीर नहीं दी है।
यह है मामला
खुर्जा कोतवाली क्षेत्र के गांव कनेनी निवासी युवक ने अपनी चचेरी बहन को बहला-फुसलाकर ले जाने का गांव निवासी सोनू और सोमदत्त पुत्र घुरमल पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद बीते आठ दिसंबर को पुलिस ने बागपत क्षेत्र से लड़का और लड़की को बरामद कर लिया था। परिजनों का आरोप है कि जिसके बाद से ही सोनू उर्फ सोमदत्त पुलिस हिरासत में ही था। स्वजनों का कहना है कि अब शनिवार सुबह करीब पांच बजे कोतवाली पुलिस सोनू के शव को लेकर गांव पहुंची। जिसके बाद उन्होंने स्वजन को बताया कि सोनू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
स्वजन को सौंप दिया था शव
आरोप है कि पुलिसकर्मी और गांव के कुछ लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने का स्वजनों पर दबाव बनाया। जबकि स्वजन पोस्टमार्टम कराने की बात कह रहे थे। जिसके बाद भी गांव के ही कुछ लोगों ने शव का पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया। जिसका स्वजन ने विरोध भी किया। हालांकि अभी मामले में स्वजन की तरफ से पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली है। उधर दूसरी ओर जानकारी होने पर एसपी देहात हरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल में जुटे हैं। वहींं खुर्जा कोतवाली प्रभारी एमके उपाध्याय का कहना है कि सोनू को शुक्रवार शाम ही स्वजन को सुपुर्द कर दिया गया था।
क्यों नहीं कराया गया शव का पोस्टमार्टम
मामले में पुलिस द्वारा सोनू को सुपुर्दगी में देने की बात कही जा रही है। हालांकि मामले में सवाल यह भी उठता है कि अगर सोनू द्वारा आत्महत्या की गई थी। इसकी जानकारी पुलिस को भी हो गई और पुलिस गांव भी पहुंच गई। युवती को बहला फुसला ले जाने का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने शव पोस्टमार्टम क्यों नहीं भेजा।