एक आंख खराब होने पर भी बनवा सकते हैं ड्राइविग लाइसेंस
एक आंख में दृष्टि दोष के कारण अभी तक लोगों को वाहन चलाने के लिए अनफिट करार कर दिया जाता था। उप संभागीय परिवहन विभाग उनको ड्राइविग लाइसेंस जारी नहीं करता था। अब मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 में ऐसे लोगों को राहत दी गई है। साथ ही भारी वाहन चलाने के लिए अब चालक का शिक्षित होना जरूरी नहीं है। एआरटीओ कय्यूम अहमद ने प्रशिक्षण कार्यशाला में अधिनस्थों को संशोधित प्रावधानों की जानकारी दी।
जेएनएन, बुलंदशहर। एक आंख में दृष्टि दोष के कारण अभी तक लोगों को वाहन चलाने के लिए अनफिट करार कर दिया जाता था। उप संभागीय परिवहन विभाग उनको ड्राइविग लाइसेंस जारी नहीं करता था। अब मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 में ऐसे लोगों को राहत दी गई है। साथ ही भारी वाहन चलाने के लिए अब चालक का शिक्षित होना जरूरी नहीं है। एआरटीओ कय्यूम अहमद ने प्रशिक्षण कार्यशाला में अधिनस्थों को संशोधित प्रावधानों की जानकारी दी।
दरअसल, सड़क सुरक्षा माह के दौरान उप संभागीय परिवहन विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है। जिलेभर में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर जनजागरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में अभियान के दूसरे दिन उप संभागीय परिवहन विभाग ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विभागीय कर्मचारियों को अफसरों ने मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 में हुए संशोधनों से अवगत कराया। बताया कि संशोधन से पहले जिस की व्यक्ति एक आंख खराब थी, लेकिन दूसरी बिल्कुल सही होने पर उसे ड्राइविग लाइसेंस प्राप्त करने वाले पात्रों की श्रेणी में नहीं रखा जाता था, लेकिन अब यह बाध्यता हटा दी गई है। इसके अलावा भारी वाहन चलाने वालों के लिए पहले आठवीं पास की होने की योग्यता जरूरी थी। जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। अब अनपढ़ चालक भी भारी वाहन का लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा आयु सीमा के अनुसार भारी वाहन चालक के ड्राइविग लाइसेंस के नवीनीकरण अब तीन की बजाय पांच साल तक की अवधि के लिए किया जाएगा। जबकि हल्के वाहन चालक के ड्राइविग लाइसेंस के नवीनीकरण अवधि पांच से दस साल की गई है।