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जख्मी सड़कें दे रही जख्म, करोड़ों की दवा भी बेकार

जिले की सड़कों की मरम्मत के लिए करोड़ों का बजट जारी हो चुका है, लेकिन तमाम सड़कों की हालत खस्ता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:13 PM (IST)
जख्मी सड़कें दे रही जख्म, करोड़ों की दवा भी बेकार
जख्मी सड़कें दे रही जख्म, करोड़ों की दवा भी बेकार

बुलंदशहर : जिले की सड़कों की मरम्मत के लिए करोड़ों का बजट जारी हो चुका है, लेकिन तमाम सड़कों की हालत खस्ता है। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला व ग्रामीण क्षेत्र के संपर्क मार्गों पर गड्ढे बने हुए हैं। पिछले दिनों ने सड़कों की मरम्मत के लिए जरूर अभियान चलाया गया, लेकिन दो दिन हुई हल्की बारिश ने तमाम गड्ढों को फिर से चौड़ा कर दिया है। अब टूटी सड़कों के कारण जहां जिले के लोग परेशान हैं, वहीं हाईवे की रफ्तार पर भी ब्रेक लग रहा है।

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योगी सरकार ने सड़कों को चकाचक रखने के लिए बड़े स्तर पर सड़क मरम्मत अभियान शुरू कराया। मुख्य रूप से लोक निर्माण विभाग को अभियान की कमान दी गई। तमाम कोशिशों के बाद सड़कों की हालत खराब है। जिले से गुजर रहे हाईवे पर गड्ढे रफ्तार को रोक रहे हैं, वहीं जिले के संपर्क मार्गों की स्थिति अधिक खराब है। ऐसा तब है जब सड़कों की मरम्मत के नाम पर ढ़ाई करोड़ से अधिक की धनराशि को खर्च किया जा चुका है। मुख्य मार्गों के अलावा नगर पालिका और पंचायतों में भी सड़कें मरम्मत के अभाव में बर्बाद हो रही है।

दिसंबर में हुई 798 किमी की मरम्मत

जिले में लोक निर्माण विभाग के तीनों खंड माह दिसंबर के सापेक्ष 809 किमी लक्ष्य के सापेक्ष 798 किलोमीटर का लक्ष्य हासिल कर चुके हैं। वहीं खुर्जा निर्माण खंड शत-प्रतिशत, प्रांतीय खंड 97 प्रतिशत व खुर्जा निर्माण खंड 98 प्रतिशत सड़कों की मरम्मत करा चुका है। कागजी रूप से मरम्मत होकर चकाचक हो चुकी इन सड़कों पर वर्तमान में बड़े गड्ढे ही गड्ढे हैं।

पैच वर्क के नाम पर खानापूर्ति

जिले की सड़कों पर समय-समय पर पैच वर्क कार्य तो कराया जाता है, लेकिन कार्य महज कागजी और खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं होता है। सड़कों को बिना साफ किए ही रोड़ी डाल दी गई जो कुछ ही दिनों में फिर टूट जाती है। लोक निर्माण विभाग की सड़कों की स्थिति वर्तमान में अधिक खराब है।

हादसों का सबब बनी टूटी सड़कें

नेशनल और स्टेट हाईवे के साथ जिले के मुख्य मार्गो पर लगातार हादसे हो रहे हैं। हर दिन औसतन जिले में एक व्यक्ति की मौत इन टूटी सड़कों के कारण ही हो रही है। इसके अलावा हर माह सैकड़ों की संख्या में लोग घायल भी हो रहे हैं। जिले के तमाम सामाजिक संगठन भी टूटी सड़कों को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सड़कों में लगातार बड़े होते गड्ढों को नहीं भरा गया।

इन्होंने कहा ..

तेजी से सड़क मरम्मत का काम जारी है और अधिकांश सड़कों को गढ्डा मुक्त करा दिया गया है। बरसात के कारण कुछ सड़कों में फिर से गढडे हो गए है। मार्च तक सभी सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य निर्धारित है।

- एसके अग्रवाल, एक्सईएन, प्रांतीय खंड


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