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जख्मी सड़कों को मरहम का इंतजार

प्रदेश सरकार ने सड़कों की मरम्मत और गड्ढा मुक्ति के लिए अभियान चलाकर कार्य करने के लिए निर्देश जारी किए हुए हैं लेकिन आदेशों का असर सड़क पर होता नहीं दिख रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 11:34 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 11:34 PM (IST)
जख्मी सड़कों को मरहम का इंतजार
जख्मी सड़कों को मरहम का इंतजार

बुलंदशहर, जेएनएन: प्रदेश सरकार ने सड़कों की मरम्मत और गड्ढा मुक्ति के लिए अभियान चलाकर कार्य करने के लिए निर्देश जारी किए हुए हैं, लेकिन आदेशों का असर सड़क पर होता नहीं दिख रहा है। पहले से ही टूटी सड़कों की सूरत पिछले दिनों हुई बरसात ने खराब कर दी है। हाईवे से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क मार्ग बेहाल स्थिति में है। उधर, जख्मी सड़कों के अभिभावक बने विभाग बजट बनाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं।

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बरसात से पहले सड़कों की मरम्मत का दावा तमाम विभागों ने किया था। बाद में सड़कों को विभाग भूल गए और अब हालत बद से बदतर हो गई है। हाईवे से लेकर गांव देहात और कस्बों की जीवन रेखा बनी सड़कें बेहाल स्थिति में हैं। बुलंदशहर सीवर लाइन का काम चल रहा है। सड़कों को तोड़कर लाइन डालने का काम कर रहा है। नियमानुसार लाइन डालने के कुछ दिन बाद ही सड़क की मरम्मत की जानी होती है, लेकिन यहां सड़कों पर उड़ती धूल के साथ नियम भी उड़ गए। उधर, नेशनल हाईवे-235 का निर्माण कार्य अभी जारी है, बरसात के बाद निर्माण कार्य में तेजी जरूर आई, लेकिन अभी भी हाईवे पर वाहन रफ्तार नहीं पकड़ सके हैं।

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सड़कों को भूले जिम्मेदार

लोक निर्माण विभाग के साथ ग्रामीण अभियंत्रण, मंडी समिति, नगर पालिका, नगर पंचायत, गन्ना समिति, जिला पंचायत आदि अपने अधिकार क्षेत्र में सड़कों का निर्माण करते हैं, लेकिन बजट का बहाना बनाकर सभी विभाग वर्तमान में खामोश है। अभी तक जिले में सड़कों की मरम्मत के लिए कही पर भी कोई अभियान शुरू नहीं हो सका हैं।

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बढ़ रहा दर्द, हो रहे हादसे

टूटी सड़कों पर सफर करना जहां राहगीरों के लिए मुसीबत का कारण बन रहा है, वहीं लगातार हादसों को निमंत्रण भी दे रहा है। एक माह में हुए हादसों का कारण टूटी सड़क ही रही। उधर, सड़क के गड्ढों के कारण वाहन भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इसके अलावा टूटे रास्तों पर सफर करने से लोगों की कमर का दर्द भी बढ़ रहा है।

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मरम्मत को चाहिए 30 करोड़

बरसात के बाद खराब हुई सड़कों की सूरत बदलने के लिए करीब 30 करोड़ रुपये की जरूरत है। सड़कों की देखरेख के लिए जिम्मेदार विभागों द्वारा तैयार किए गए बजट में सबसे अधिक लोक निर्माण विभाग का बजट है। 14 करोड़ रुपये की जरूरत लोनिवि को अपने अधिकार क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के लिए होगी।

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जिले में सड़कों की सड़कों की स्थिति

1500 किमी- लोनिवि की है सड़कें

6 हजार किमी- नपा क्षेत्र में हैं सड़कें

5 हजार किमी - ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क मार्ग

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इन्होंने कहा .

बरसात के बाद टूटी सड़कों की मरम्मत के लिए बजट बनाकर भेजा गया है। 4.80 करोड़ रुपये का बजट शासन ने स्वीकृत किया है। 15 सितंबर के बाद सड़कों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा।

- राधे श्याम शर्मा, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग


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