समस्याओं से लड़ने का शिक्षा ही एकमात्र हथियार
आजादी के 73 वर्ष बाद भी आधुनिक भारत में तमाम समस्याएं हैं। सभी समस्याओं से लड़ने का बस शिक्षा ही हथियार है। देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरुरत है बस प्रतिभाओं को निखारने की। प्रतिभाएं निखारी गईं तभी गांवों के गरीब परिवारों से निकलकर प्रतिभाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकी हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। आजादी के 73 वर्ष बाद भी आधुनिक भारत में तमाम समस्याएं हैं। सभी समस्याओं से लड़ने का बस शिक्षा ही हथियार है। देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरुरत है बस प्रतिभाओं को निखारने की। प्रतिभाएं निखारी गईं तभी गांवों के गरीब परिवारों से निकलकर प्रतिभाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकी हैं।
मुस्लिम डिग्री कालेज की शिक्षिका शिखा कौशिक का कहना है कि शिक्षा पर अब तक की सरकारों का पूरा जोर है लेकिन देश के आखिरी गरीब तक शिक्षा को पहुंचाने के लिए अभी सुधार और प्रयास की जरुरत है। गरीब और परिवार का सामान्य बच्चा भी देश को दुनियाभर में नाज करा सकता है। इसका स्टीक उदाहरण हमारे देश के राष्ट्रपति रहे मिसाइल मैन डा. एपीजे अब्दुल कलाम हम सबके सामने हैं। अब्दुल कलाम आज भी छात्रों के रोल माडल हैं। शिक्षा के सिस्टम को सुधारकर प्रयास किया जाए कि हर वंचित और गरीब परिवार में छिपी प्रतिभा को निखारा जाए। डीएवी डिग्री कालेज के चीफ प्राक्टर डा. राजीव सिरोही का कहना है कि छात्र राष्ट्र के भविष्य हैं। यदि इनको सही ढंग से निखारा जाए और सही शिक्षा जाए तो वे क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। इसके लिए जरुरी है छात्र-छात्राओं को जागरुक किया जाए। इसके लिए स्कूल और कालेजों में नाटक, भाषण प्रतियोगिताओं और निबंधन लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जाना चाहिए। शिक्षित बच्चे और समाज हर किसी समस्या का निराकरण स्वयं तलाश लेते हैं।