गोआश्रयों के गोवंश से कुपोषण को देंगे मात : डीएम
जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की आई रिपोर्ट के आधार पर 11 हजार 291 इन्हें विभाग ने पीली श्रेणी में रखा है।
बुलंदशहर, जेएनएन। जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की आई रिपोर्ट के आधार पर 11 हजार 291 इन्हें विभाग ने पीली श्रेणी में रखा है। तीन हजार 215 बच्चे अतिकुपोषित मिले हैं जिन्हें लाल श्रेणी में रखा गया है। इनका ब्यौरा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में सुरक्षित रखा गया है।
एक सप्ताह पूर्व कुपोषण के भयावह आंकड़ों सहित समाचार दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मंगलवार को जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कुपोषित दो बच्चों के अभिभावकों को दो दुधारू गोवंश निश्शुल्क भेंट किए और सहभागिता योजना के आधार पर गोवंश पालन के लिए 900 रुपये प्रतिमाह गोवंश की देखरेख के लिए भी दिए जाएंगे।
जिलाधिकारी रविद्र कुमार ने गांव कमालपुर निवासी सिद्धार्थ और कुमारी आशी के परिजनों को कान्हा गोशाला से दो दुधारू गाय निश्शुल्क भेंट की। ताकि कुपोषित बच्चों को गाय का दूध मुहैया हो सके और कुपोषण को रोकने में मदद मिल सके। इस दौरान 62 अभिभावकों ने भी मुख्यमंत्री की सहभागिता योजना के अंतर्गत गोवंश लेने की इच्छा जताई है। जिलाधिकारी ने बताया कि कुपोषित बच्चों के अभिभावक गोआश्रय स्थल और कान्हा गोशालाओं में संरक्षित गोवंश पसंद करके ले सकेंगे। इन्हें एक माह में चारे के लिए 900 रुपये भी योजना के अनुसार दिए जाएंगे। डीपीओ हरिओम वाजपेयी ने बताया कि कुपोषित बच्चों के अभिभावक गोआश्रय स्थल और कान्हा गोशालाओं में आवेदन कर सकते हैं।