अनदेखी के कारण सिल्ट भरने से समतल हुए तालाब
कभी स्वच्छ जल से लबालब रहने वाले तालाब अब गंदगी और सिल्ट से भरे हुए हैं। पिछले काफी समय से सफाई न होने के कारण अब तालाबों का तल किनारों से मिल गया है।
बुलंदशहर, जेएनएन। कभी स्वच्छ जल से लबालब रहने वाले तालाब अब गंदगी और सिल्ट से भरे हुए हैं। पिछले काफी समय से सफाई न होने के कारण अब तालाबों का तल किनारों से मिल गया है, जिस कारण बरसात का पानी भी तालाबों में कम और गली-मोहल्लों में अधिक जमा हो रहा है। वर्तमान में नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र के तालाबों की स्थिति ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा अधिक खराब है। यहां अधिकांश तालाबों पर लगातार कब्जा हो रहा है।
नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में मौजूद तालाबों को जमीन के लालच ने निगल लिया है। वर्तमान में जिले के सभी 16 निकायों में मौजूद तालाबों की स्थिति सबसे अधिक खराब है। यहां तालाबों की दशकों से सफाई नहीं कराई, जिस कारण लगातार गंदगी तालाबों के तल तो किनारे तक ले आई और वर्तमान में स्थिति यह है कि इन तालाबों में बरसात का पानी भी जमा नहीं होता। गंदगी के कारण इन जलकुंडों का पानी अब किनारे बसी आबादी के लिए नरक बन रहा है। बात बुलंदशहर की करें तो यहां शहरी क्षेत्र में ही तीन दशक पहले तक रिकार्ड के अनुसार पांच तालाब थे। जिसे में से लाल तालाब को मिटाकर कालोनी बसा दी गई और कालोनी का नाम अभी भी लाल तालाब के नाम पर ही मौजूद है। ऐसे में खुर्जा और सिकंदराबाद में भी कई तालाबों का अस्तित्व समाप्त कर यहां भी इमारतों ने जगह ले ली। खुर्जा में रोडवेज बस अडडे के पास कभी बड़ा तालाब हुआ करता था, जिसमें आधे शहर का पानी जमा होता था। लेकिन अब यहां भी तालाब के नाम पर सिर्फ एक बड़ा गंदे पानी का गड्ढा मौजूद रह गया है।
मिलीभगत ने निगल लिए तालाब
तालाबों के बचाने के लिए सरकार के साथ सर्वोच्च न्यायालय भी काफी गंभीर है और आदेश-निर्देश के साथ गाइड लाइन भी जारी की हुई है। कई विभागों को तालाबों को बचाने और जीर्णोद्धार करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। लेकिन इंसानी लालच और जिम्मेदार विभागों की अनदेखी ने तालाबों को धरातल से मिटा दिया है।
इन्होंने कहा .
तालाबों को कब्जा मुक्त कराने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है। साथ ही जीर्णोद्वार कर तालाबों का सौंदर्यीकरण भी कराया जाएगा।
- अभय सिंह, जिलाधिकारी