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वीर विजय सिंह पथिक ने बनाया था लाहौर असेंबली में फेंका गया बम

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी की लड़ाई में बुलंदशहर का बड़ा योगदान रहा है। वीर विजय सिंह पथिक ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी की लड़ाई में बुलंदशहर का नेतृत्व किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 11:47 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 11:47 PM (IST)
वीर विजय सिंह पथिक ने बनाया था लाहौर असेंबली में फेंका गया बम
वीर विजय सिंह पथिक ने बनाया था लाहौर असेंबली में फेंका गया बम

बुलंदशहर, जेएनएन। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी की लड़ाई में बुलंदशहर का बड़ा योगदान रहा है। वीर विजय सिंह पथिक ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी की लड़ाई में बुलंदशहर का नेतृत्व किया।

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जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर स्थित गुठावली अख्तियारपुर में मालागढ़ किले के सेनापति इन्द्र सिंह के परिवार में भूप सिंह का जन्म 27 फरवरी 1882 को हुआ था। अंग्रेजों ने 1857 में मालागढ़ किले पर कब्जा करने के लिए मुख्य द्वार को तोप से उड़ा दिया था। किले की रक्षा करते हुए इंद्र सिंह शहीद हो गए थे। इसके बाद उनके पिता हमीर सिंह भी इस स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हो गए। इसके बाद भूप सिंह को उनकी बहन इंदौर ले गई थी। चौधरी श्यौपाल सिंह ने बताया कि सन 1906 में सचिंद्र नाथ शान्याल ने महान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस से संपर्क कराया। इसके बाद उन्होंने क्रांतिकारियों को बम बनाने और हथियार चलाने का प्रशिक्षण देना शुरू किया। 1929 को लाहौर असेंबली में जो बम फेंका गया था उसे भूप सिंह ने ही तैयार किया था। बम कांड के बाद अंग्रेजों ने उनको भी गिरफ्तार कर लिया था। जेल में बंद रहने के दौरान सचिंद्र नाथ शान्याल और बटुकेश्वर दत्त ने भूप सिंह को वीर विजय सिंह पथिक के नाम की उपाधि दी थी। कई साल अंग्रजों की गिरफ्त में रहने के दौरान वह वेष बदल फरार हो गए। कलकत्ता में बम फेंकने के आरोप में उनको फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोप सिद्ध नहीं होने पर रिहा कर दिया गया था।

बिजौलिया किसान आंदोलन के रहे प्रणेता

किसानों से जमींदार और सामंत 84 प्रकार के कर वसुल करते थे। 1915 में बिजौलिया के किसानों का नेतृत्व वीर विजय सिंह पथिक ने किया था। 24 साल तक चले किसान आंदोलन को आखिर में सफलता मिल ही गई।

बोले मंच के अध्यक्ष

पथिक विकास मंच के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठी ने बताया कि गांव में उनकी मूर्ति लगाने की साथ ही पुस्तकालय का निर्माण कराया गया है।


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