गंगा एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण को यूपीडा ने जारी की 100 करोड़ रूपए की दूसरी किस्त
गंगा एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण के लिए यूपीडा ने 100 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी की है। 25 करोड़ की पहली किस्त तहसील प्रशासन किसानों की भूमि अधिग्रहण में पहले ही खर्च कर चुका है।
जेएनएन, बुलंदशहर। गंगा एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण के लिए यूपीडा ने 100 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी की है। 25 करोड़ की पहली किस्त तहसील प्रशासन किसानों की भूमि अधिग्रहण में पहले ही खर्च कर चुका है।
एसडीएम सुभाष सिंह ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए लगभग एक सप्ताह से किसानों से भूमि की खरीद की जा रही है। अभी तक 107 किसानों से 22 हेक्टेयर भूमि की खरीद हो चुकी है। बताया कि पहली 25 करोड़ की किस्त भूमि खरीद में खत्म हो गई। वहीं शुक्रवार को भूमि अधिग्रहण के लिए यूपीडा के डिप्टी कलेक्टर अरूण कुमार राय लखनऊ से चेक के माध्यम से 100 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त लेकर पहुंचे। एसडीएम ने बताया कि भूमि के बैनामे के लिए अभी तक यूपीडा ने दो किस्तों में 125 करोड़ रुपए आ चुके है। वहीं स्याना तहसील के आठ गांवों के 1100 सौ किसानों से गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण की जानी है। बताया कि किसानों से भूमि के बैनामे कराने का कार्य लगातार जारी है। इस दौरान तहसीलदार अमित कुमार सहित अन्य तहसील कर्मी मौजूद रहे। जिले में 616 ग्राम पंचायतों में पहुंची इंटरनेट कनेक्टिविटी : डीएम
कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में नेशनल ब्राडबैंड मिशन के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों तक उच्च बैंडविड्थ की इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के संबंध बैठक आयोजित की गई। कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि ने बताया कि जनपद में 872 ग्राम पंचायतों में उच्च बैंडविड्थ की इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए वायर आदि डालने का कार्य पूर्ण करा दिया गया है। वर्तमान में 616 ग्राम पंचायतों में राउटर (वाईफाई) स्थापित करते हुए इंटरनेट सेवा संचालित की जा रही है। जिलाधिकारी ने संबंधित कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि अवशेष ग्राम पंचायतों में एक माह के अंतर्गत राउटर लगाकर इंटरनेट सेवा प्रदान की जाए। इसके साथ ही जिन ग्राम पंचायतों में राउटर स्थापित किए गए हैं, उनकी सूची शीघ्रता से उपलब्ध की जाएं। जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सेवा दिए जाने कार्य का सत्यापन भी किया जाए। बैठक में सीएससी मैनेजर को निर्देशित किया गया कि सीएससी संचालक कि आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों के निश्शुल्क गोल्डन कार्ड बनाएं। बैठक में सीडीओ अभिषेक पांडेय सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।