अनफिट ई-रिक्शा भर रहे फर्राटा, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी
बुलंदशहर, जेएनएन। ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या और बेतरतीब संचालन जहां शहर में जाम का कारण बन रहा है, वहीं, सड़कों पर दौड़ रहे अनफिट ई-रिक्शा और उन पर क्षमता से अधिक यात्री बैठाए जाने से हादसे का डर बढ़ रहा है। हादसे की रोकथाम के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इनकी लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ रही है।
दरअसल, परिवहन विभाग से 4776 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं और सड़कों पर इससे अधिक ई-रिक्शा अवैध रूप से दौड़ाए जा रहे हैं। ई-रिक्शा चलाने के लिए लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) का लाइसेंस जरूरी होता है, लेकिन अधिकांश ई-रिक्शा चालकों के पास यह लाइसेंस नहीं है। कुछ नाबालिग भी इन्हें चलाते हुए दिख जाते हैं। इन्हें रोकने-टोकने की जहमत यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी नहीं उठाते हैं।
दो साल बाद भी नहीं करा रहे वाहन फिटनेस
परिवहन विभाग में पंजीयन के बाद दो साल तक वाहन की फिटनेस कराने की जरूरत नहीं होती है। ई-रिक्शा के लिए भी यह नियम है। कुछ ई-रिक्शा चालक समय से फिटनेस कराने के लिए परिवहन विभाग पहुंचते हैं, जबकि अधिकांश ई-रिक्शा चालक फिटनेस कराना जरूरी नहीं समझते हैं। ऐसे चालकों को पकड़ने के लिए चलने वाले अभियान ठंडा पड़ने वे बैखौफ अनफिट ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं।
95 ई-रिक्शा के किए चालान
अनफिट पर भेजे 1200 नोटिस
परिवहन विभाग के अफसरों का दावा है कि जनवरी 2022 से अब तक 95 ई-रिक्शा के चालान किए जा चुके हैं। इनमें फिटनेस नहीं कराने, टैक्स बकाया, बीमा नहीं होने, गलत दिशा में चलाने के अलावा बिना एलएमवी लाइसेंस के संचालन के चालान शामिल हैं। अनफिट होने पर करीब तीन माह पहले 1200 से अधिक ई-रिक्शा चालकों को नोटिस भी भेजे गए। मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले ई-रिक्शा को सड़क से हटाने का अभियान भी चलाया जा चुका है। पकड़ में आए ऐसे ई-रिक्शा स्क्रैप कराए जा चुके हैं।
इन्होंने कहा...
नियम विरुद्ध ई-रिक्शा का संचालन रोकने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की गई है। उनके चालान किए गए हैं। सड़क से हटाने के लिए स्क्रैप तक कराए गए हैं।
आनंद निर्मल, एआरटीओ प्रवर्तन