गंगा में डूबकर दो सगे भाइयों की मौत
वृंदावन से आए दो सगे भाइयों की गंगा में स्नान करते समय डूब कर मौत हो गई। स्वजन ने पुलिस प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए दोनों के शवों को नेशनल हाइवे पर रख जाम लगा दिया। पुलिस ने किसी तरह उन्हें समझाबुझाकर शांत किया। इसके बाद स्वजन बिना किसी कानूनी कार्रवाई के एंबुलेंस से शव साथ ले गए।
बुलंदशहर, जागरण टीम। वृंदावन से आए दो सगे भाइयों की गंगा में स्नान करते समय डूब कर मौत हो गई। स्वजन ने पुलिस प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए दोनों के शवों को नेशनल हाइवे पर रख जाम लगा दिया। पुलिस ने किसी तरह उन्हें समझाबुझाकर शांत किया। इसके बाद स्वजन बिना किसी कानूनी कार्रवाई के एंबुलेंस से शव साथ ले गए।
सोमवार को अमावस स्नान पर्व पर वृंदावन नगर (मथुरा) निवासी राधे कृष्ण, बाल किशन, महेन्द्र, बृजेश, पूरन, रामकिशन व गोपी आदि 35 सदस्य बस से क्षेत्र के राजघाट पर अपने पितरों की तृप्ति व जल देने के लिए स्नान को आए थे। इस दौरान उनके साथ आए कुछ युवक एक मोटरवोट से गंगा के दूसरे छोर स्थित टीले पर जाकर स्नान करने लगे। इसी दौरान 19 वर्षीय गौरव व 18 वर्षीय सौरभ पुत्रगण राधेकृष्ण गंगा में डूब गए। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। नरौरा थाना पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों युवकों को बाहर निकाला। पुलिस दोनों युवकों को लेकर डिबाई के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पहुंची, जहां स्वजन ने सही इलाज न मिलने की आशंका जताई। इसके बाद पुलिस दोनों को एक निजी अस्पताल ले गई, जहां डाक्टरों ने गौरव व सौरभ को मृत घोषित कर दिया। दोनों भाइयों की मौत से स्वजन का आक्रोश मुखर हो गया। उन्होंने गंगा किनारे कोई संकेतिक चिन्ह बोर्ड आदि न लगाने व पुलिस की कोई व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस ने दोनों युवकों के शवों को मारूति वैन से वृंदावन भेजने का प्रयास किया, लेकिन स्वजन एंबुलेंस में शव ले जाने की मांग करने लगे। एंबुलेंस देर से आने पर स्वजन फिर से हंगामा करते हुए नेशनल हाइवे पर शवों को रख कर जाम लगा दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दिलीप सिंह व प्रभारी निरीक्षक नरौरा ने स्वजन को समझाबुझाकर एंबुलेंस से दो भाइयों के शवों को वृंदावन भेज दिया। करीब 15 मिनट लगे जाम के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी लंबी लाइन लग गई थी।