तड़पता रहा मरीज, नहीं मिला इलाज
निजी अस्पतालों की मनमानी और स्वास्थ्य अफसरों की लापरवाही के चलते जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान योजना को पलीता लग रहा है।
बुलंदशहर: निजी अस्पतालों की मनमानी और स्वास्थ्य अफसरों की लापरवाही के चलते जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान योजना को पलीता लग रहा है। शनिवार को सांस की बीमारी से पीड़ित वृद्ध को लेकर उसके परिजन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन आयुष्मान के पैनल वाले किसी भी निजी अस्पताल ने उसको भर्ती नहीं किया। जिला अस्पताल में भी उसे मायूसी हाथ लगी।
वलीपुरा निवासी कुंवरपाल (65) आयुष्मान योजना के पात्र हैं। उन्हें सांस की बीमारी है। शनिवार सुबह अचानक उनकी हालत बिगड़ गई। उनका बेटा सोनू और बहू पूजा निजी एंबुलेंस से उनका इलाज कराने के लिए निकले, लेकिन वाले अमेयस अस्पताल, ग्लोबल अस्पताल, शांतिदीप अस्पताल में इलाज नहीं मिला। नोएडा के शारदा हास्पिटल में भी मायूसी हाथ लगी। बुलंदशहर के जिला अस्पताल में भी डाक्टरों की मनमानी झेलनी पड़ी। घंटों तक इमरजेंसी के बाहर एंबुलेंस में मरीज तड़पता रहा लेकिन भर्ती नहीं किया गया। बाद में कुछ मीडियाकर्मियों ने स्वास्थ्यकर्मियों को फोन किया तो वृद्ध को इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार दिलाने के बाद मेरठ रेफर कर दिया गया।
जाओ कह दो सीएमओ से, नहीं देखूंगा
कुंवरपाल की ¨जदगी बचाने के लिए सीएमओ डा. केएन तिवारी को फोन किया। सीएमओ ने बताया कि ओपीडी में चेस्ट के डाक्टर के पास जाकर मेरी बात करा दो। डा. उदयवीर ने दो टूक कह दिया कि किसी से भी बात कराओ नहीं देखूंगा। डा. उदयवीर का कहना है कि मरीजों की भीड़ के मद्देनजर मैंने उन्हें कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा था। देखने से मना करने का आरोप निराधार है।
इनका कहना है..
इमरजेंसी में उपचार कराने के बाद उसको मेरठ रेफर करा दिया। पैनल वाले अस्पतालों में वेंटीलेटर फुल होने के कारण भर्ती नहीं किया गया।
- डा. लवकुश शर्मा, जिला समन्वयक, आयुष्मान योजना।